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November 21, 2024 12:28 pm

ધાર્મિક કથા : ભાગ 174જૈનોની આયંબિલ ઓળી. આયંબિલ એટલે આહારથી અનાહાર : Manoj Acharya

ધાર્મિક કથા : ભાગ 174જૈનોની આયંબિલ ઓળી. આયંબિલ એટલે આહારથી અનાહાર : Manoj Acharya

ધાર્મિક કથા : ભાગ 174જૈનોની આયંબિલ ઓળી. આયંબિલ એટલે આહારથી અનાહાર તરફ લઇ જતી અનન્ય આરાધના🚩 🕉️ 🛕 👏 🕉️અનંત કરુણાના સ્વામી શ્રી ર્તીથંકર પરમાત્માએ સંસારના સર્વ જીવોને દુ:ખમુક્ત કરવા અને અનંત સુખના ભાગી બનાવવા માટે ધર્મતીર્થની સ્થાપના કરી. એ ધર્મતીર્થની આરાધના-ઉપાસના માટે અસંખ્ય યોગ ફરમાવ્યા છે. જે જીવની જે-જે પ્રકારની લાયકાત, યોગ્યતા, ક્ષમતા, ભૂમિકા, … Read more

उद्धव गोपी संवाद… – ५ एवं ६ : Niru Ashra

उद्धव गोपी संवाद… – ५ एवं ६ : Niru Ashra

उद्धव गोपी संवाद… ५ एवं ६ कुसल स्याम औ राम,कुसल संगी सब उनके।जदुकुल सगरे कुसल,परम आनंद सबन कें।।बूझंन ब्रज कुसलात को,हौं आयौ तुम्ह तीर।मिलि हैं थोरे दिनन में,मैं जिन जिय होय अधीरसुनों ब्रजनागरी।।भावार्थ:- उद्धव जी गोपियों से कह रहे हैं कि श्याम और बलराम दोनों कुशलता से हैं और उनके सब संगी साथी भी कुशल … Read more

!! परम वियोगिनी – श्रीविष्णुप्रिया !! – द्वादशोध्याय : Niru Ashra

!! परम वियोगिनी – श्रीविष्णुप्रिया !! – द्वादशोध्याय : Niru Ashra

!! परम वियोगिनी – श्रीविष्णुप्रिया !! ( द्वादशोध्याय:) साधकों ! बंगाल में विवाह से पूर्व एक विधि होती है …जिसे “अधिवास”बोलते हैं …इसमें आमन्त्रित लोग माला चन्दन आदि से होने वाले वर या वधू को आशीष प्रदान करते हैं …फिर भोज आदि बड़े उत्साह-उत्सव के साथ मनाया जाता है । गतांक से आगे – पूरे … Read more

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 33 !!-“विपरीत रति” – प्रेम साधना की एक विधाभाग 1 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 33 !!-“विपरीत रति” – प्रेम साधना की एक विधाभाग 1 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 33 !! “विपरीत रति” – प्रेम साधना की एक विधाभाग 1 जिनके लिये सांसारिक महत्वाकांक्षा सर्वोच्च है …..वो इसको न पढ़ें । जिनके लिये नाम, पद प्रतिष्ठा पाना ही जीवन का लक्ष है ….वो इसको न पढ़ें । जो नैतिकता के मापदण्ड, पाश्चात्य की विचार धारा से तैयार करते हैं …और “प्रेम श्रृंगार” … Read more

!! परम वियोगिनी – श्रीविष्णुप्रिया !! – एकादशोध्याय : Niru Ashra

!! परम वियोगिनी – श्रीविष्णुप्रिया !! – एकादशोध्याय : Niru Ashra

!! परम वियोगिनी – श्रीविष्णुप्रिया !! ( एकादशोध्याय:) गतांक से आगे – “विधुमुखी” ….ये चाची थी विष्णुप्रिया की ….सनातन मिश्र जी के एक छोटे भाई भी थे जिनका नाम कालिदास था …विवाह के कुछ समय बाद ही ये परलोक सिधार गये थे …पर कोख में एक बालक था , विधुमुखी ने उसी को जन्म दिया … Read more

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 32 !!- “निभृत निकुञ्ज” – प्रेम के सर्वोच्च लोकभाग 3- :Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 32 !!- “निभृत निकुञ्ज” – प्रेम के सर्वोच्च लोकभाग 3- :Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 32 !! “निभृत निकुञ्ज” – प्रेम के सर्वोच्च लोकभाग 3 गुरुदेव ! ये “निभृत निकुञ्ज” क्या है ? ये प्रश्न पाँच दिन के बाद किया जब प्रेम समाधि टूटी थी दोनों की …..तब प्रश्न किया था वज्रनाभ नें । वज्रनाभ ! महर्षि शाण्डिल्य अभी भी देह भाव से परे ही थे । नित्य … Read more

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 32 !!-“निभृत निकुञ्ज” – प्रेम के सर्वोच्च लोकभाग 2 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 32 !!-“निभृत निकुञ्ज” – प्रेम के सर्वोच्च लोकभाग 2 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 32 !! “निभृत निकुञ्ज” – प्रेम के सर्वोच्च लोकभाग 2 अब इस “निकुञ्ज लोक” से भी ऊपर एक लोक और है………..”नित्य निकुञ्ज”………..इस “नित्य निकुञ्ज” में प्रेम से भरे ये दो दम्पति श्याम सुन्दर और उनकी आल्हादिनी ही विहार करते हैं ………सेवा के लिये निरन्तर सखियाँ तत्पर रहती हैं …….निकुञ्ज से भी ऊपर ये … Read more