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November 22, 2024 7:41 pm

उद्धव गोपी संवाद :-(भ्रमर गीत) २३ एवं २४

उद्धव गोपी संवाद :-(भ्रमर गीत) २३ एवं २४

उद्धव गोपी संवाद:- (भ्रमर गीत)२३ एवं २४ प्रेम जु कोऊ वस्तु,रूप देखत लौं लागैं।वस्तु दृष्टि बिन कहौ,कहा प्रेमी अनुरागे।।तरनि चंद्र के रूप कौ,गुन नहिं पायो जान।तौ उनकौ कहा जानिए, गुनातीत भगवान।।सुनों ब्रजनागरी।। उद्धव जी गोपियों से कह रहे हैं कि प्रेम ऐसी वस्तु है जो बिना देखे नहीं होती। प्रेमी को देखे बिना प्रेम नहीं … Read more

!! परम वियोगिनी – श्रीविष्णुप्रिया !!-एकविंशति अध्याय : Niru Ashra

!! परम वियोगिनी – श्रीविष्णुप्रिया !!-एकविंशति अध्याय : Niru Ashra

!! परम वियोगिनी – श्रीविष्णुप्रिया !! ( एकविंशति अध्याय: ) गतांक से आगे – रोने की सिसकी ने शचि देवि की नींद खोल दी ….नींद इन्हें कहाँ ! जिनका इतना योग्य बुद्धिमान पुत्र और उसकी ऐसी स्थिति हो गयी थी उस माँ को नींद कहाँ ? जैसे तैसे तो झपकी आई थी पर वो भी … Read more

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 36 !!-वेद पुरान हमें नही सूझे…भाग 1 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 36 !!-वेद पुरान हमें नही सूझे…भाग 1 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 36 !! वेद पुरान हमें नही सूझे…भाग 1 बाँसुरी का स्वर बदल गया था अब ……….कामदेव फिर चौंका । क्यों की पहले किसी “राधा” से ये प्रार्थना कर रहा था …….पर अब यह किशोर भिन्न भिन्न नारियों को बुलानें लगा है…….बाँसुरी में नाम ले लेकर बुला रहा था अब ये । ये है … Read more