उद्धव गोपी संवाद :-(भ्रमर गीत) २३ एवं २४
उद्धव गोपी संवाद:- (भ्रमर गीत)२३ एवं २४ प्रेम जु कोऊ वस्तु,रूप देखत लौं लागैं।वस्तु दृष्टि बिन कहौ,कहा प्रेमी अनुरागे।।तरनि चंद्र के रूप कौ,गुन नहिं पायो जान।तौ उनकौ कहा जानिए, गुनातीत भगवान।।सुनों ब्रजनागरी।। उद्धव जी गोपियों से कह रहे हैं कि प्रेम ऐसी वस्तु है जो बिना देखे नहीं होती। प्रेमी को देखे बिना प्रेम नहीं … Read more