Explore

Search

November 22, 2024 5:59 am

विरही- गोपी- उध्धव – संवाद-२४🦚🌹 भ्रमर -गीत🌹-🌺 उद्धवजी-गोपी संवाद (कजली वन)🌺 : Niru Ashra

विरही- गोपी- उध्धव – संवाद-२४🦚🌹 भ्रमर -गीत🌹-🌺 उद्धवजी-गोपी संवाद (कजली वन)🌺 : Niru Ashra

🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚 विरही- गोपी- उध्धव – संवाद-२४🦚🌹 भ्रमर -गीत🌹 🌺 उद्धवजी-गोपी संवाद (कजली वन)🌺 🌹 गोपीजन उद्धवजी को साथ लेकर चर्चा करते उन्हें कजली वन जहाँ राधाजी बिराजते हैं। चलते-चलते आगे जा रहे। (कजली वन को उद्धव क्यारी भी कहते हैं जो परिक्रमा मार्ग में आती हैं) यही उद्धवजी और गोपीजनों का वृहद संवाद रूप में … Read more

!! राधा बाग में – श्रीहित चौरासी !!- रसिक अनन्य श्याम – “कौन चतुर जुवती प्रिया” : Niru Ashra

!! राधा बाग में – श्रीहित चौरासी !!- रसिक अनन्य श्याम – “कौन चतुर जुवती प्रिया” : Niru Ashra

!! राधा बाग में – श्रीहित चौरासी !! ( रसिक अनन्य श्याम – “कौन चतुर जुवती प्रिया” ) गतांक से आगे – हे कृष्ण ! तुम पूर्ण प्रेमी नही हो सकते ..क्यों की पूर्ण प्रेमी के लिए “अनन्य” होना आवश्यक है । रास लीला के मध्य में श्रीकृष्ण अन्तर्ध्यान हो गये थे …गोपी गीत सुनाकर … Read more

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 50 !!-“चौं रे लंगर ! एक झाँकी होरी की भाग 2 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 50 !!-“चौं रे लंगर ! एक झाँकी होरी की भाग 2 : Niru Ashra

❣️❣️❣️❣️ !! “श्रीराधाचरितामृतम्” 50 !! “चौं रे लंगर ! एक झाँकी होरी कीभाग 2 फागुन की हवा में कुछ मत्तता होती ही है ……….युवा की क्या बात करें …..वृद्धों में भी यौवन छलकता हुआ दिखाई देता है ……समस्त प्रकृति ही एक नवीन चेतना, नया उमंग, नई स्फूर्ति का उन्मुक्त – वितरण करनें लग जाती है…….और … Read more