श्रीराधिका का प्रेमोन्माद – 13-( विरह-व्यथा – श्रीराधा और चन्द्रावली ) : Niru Ashra
श्रीराधिका का प्रेमोन्माद – 13 ( विरह-व्यथा – श्रीराधा और चन्द्रावली ) गतांक से आगे – भूल है आपकी कि “मिलन” के रस को ही आप रस समझते हैं …और विरह को ? क्या आपको ये पता नही है …अवतार काल में “मिलन” की लीला तो मात्र ग्यारह वर्ष तक की ही रही है …..और … Read more