श्रीमद्भगवद्गीता-अध्याय 4 : दिव्य ज्ञान🌹श्लोक 4 . 10🌹: Niru Ashra
श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 4 : दिव्य ज्ञान🌹🌹🌹🌹🌹🌹श्लोक 4 . 10🌹🌹🌹🌹 वीतरागभयक्रोधा मन्मया मामुपाश्रिताः |बहवो ज्ञानतपसा पूता मद्भावमागताः || १० || वीत – मुक्त; राग – आसक्ति; भय – भय; क्रोधाः – तथा क्रोध से; मत्-मया – पूर्णतया मुझमें; माम् – मुझमें; उपाश्रिताः – पूर्णतया स्थित; बहवः – अनेक; ज्ञान – ज्ञान की; तपसा – तपस्या से; … Read more