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November 23, 2024 9:38 am

श्रीमद्भगवद्गीता-अध्याय 4 : दिव्य ज्ञान🌹श्लोक 4 . 37🌹यथैधांसि mm |ज्ञानाग्निः सर्वकर्माणि भस्मसात्कुरुते तथा || ३७ ||: Niru Ashra

श्रीमद्भगवद्गीता-अध्याय 4 : दिव्य ज्ञान🌹श्लोक 4 . 37🌹यथैधांसि mm |ज्ञानाग्निः सर्वकर्माणि भस्मसात्कुरुते तथा || ३७ ||: Niru Ashra

श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 4 : दिव्य ज्ञान🌹🌹🌹🌹🌹🌹श्लोक 4 . 37🌹🌹🌹🌹यथैधांसि समिद्धोSग्निर्भस्मसात्कुरुतेSर्जुन |ज्ञानाग्निः सर्वकर्माणि भस्मसात्कुरुते तथा || ३७ || यथा – जिस प्रकार से; एधांसि – ईंधन को; समिद्धः – जलती हुई; अग्निः – अग्नि; भस्म-सात् – राख; कुरुते – कर देती है; अर्जुन – हे अर्जुन; ज्ञान-अग्निः – ज्ञान रूपी अग्नि; सर्व-कर्माणि – भौतिक कर्मों के … Read more

महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (063): Niru Ashra

महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (063): Niru Ashra

महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (063) (स्वामी अखंडानंद सरस्वती ) जो जैसेहि तैसेहि उठि धायीं-3 संसार के सब पुण्य इकट्ठे हुए, पहले के। अबके और आगे के, सब जीवों के सब पुण्य इकट्ठे हुए और उन्होंने देखा कि गोपी के सामने प्रकट होकर श्रीकृष्ण ने एकबार अपने दिव्य अंग की दिव्य गंध से उसकी नासिका … Read more

!! दोउ लालन ब्याह लड़ावौ री !!-( श्रीमहावाणी में ब्याहुला उत्सव )-!! लै आई दोउ लाल कौ !! : Niru Ashra

!! दोउ लालन ब्याह लड़ावौ री !!-( श्रीमहावाणी में ब्याहुला उत्सव )-!! लै आई दोउ लाल कौ !! : Niru Ashra

!! दोउ लालन ब्याह लड़ावौ री !! ( श्रीमहावाणी में ब्याहुला उत्सव ) !! लै आई दोउ लाल कौ !! गतांक से आगे – बलि जाऊँ या रूप की भाँवरि लेहु फिराय।साहौ सुभग सुहावनौ सबहीं को सुखदाय ॥सबहीं के सुखदा दोऊ महा मनोहर मीत।चौंरी लै कर चालिये मंगल गावत गीत ॥गावत गीत सुहावने आगे है … Read more

“श्रीराधाचरितामृतम्” 122 !!-जय जय नित्यविहार भाग 2: Niru Ashra

“श्रीराधाचरितामृतम्” 122 !!-जय जय नित्यविहार भाग 2: Niru Ashra

🍃🍃🍃🍃🍃🍃 “श्रीराधाचरितामृतम्” 122 !! जय जय नित्यविहारभाग 2 🌲🌲🌲🌲🌲 पर श्रीराधा का प्रमाण कहाँ है ? मात्र सात सौ या कुछ और वर्ष पहले गीत गोविन्द जैसे काव्य में ? या हिन्दी साहित्य की नायिका के रूप में ? वेद में कहाँ ? उपनिषद् में कहाँ हैं श्रीराधा ? “राधोपनिषद है” ………….श्रीराधा जी के नाम … Read more