श्रीमद्भगवद्गीता-अध्याय 4 : दिव्य ज्ञान🌹🌹🌹🌹🌹🌹श्लोक 4 . 24🌹🌹🌹🌹 : Niru Ashra
श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 4 : दिव्य ज्ञान🌹🌹🌹🌹🌹🌹श्लोक 4 . 24🌹🌹🌹🌹 ब्रह्मार्पणं ब्रह्म हविब्रह्माग्नौ ब्रह्मणा हुतम् |ब्रह्मैव तेन गन्तव्यं ब्रह्मकर्मसमाधिना || २४ || ब्रह्म – आध्यात्मिक; अर्पणम् – अर्पण; ब्रह्म – ब्रह्म; हविः – घृत; ब्रह्म – आध्यात्मिक; अग्नौ – हवन रूपी अग्नि में; ब्रह्मणा – आत्मा द्वारा; हुतम् – अर्पित; ब्रह्म – परमधाम; एव – निश्चय … Read more