श्रीमद्भगवद्गीता-अध्याय 4 : दिव्य ज्ञान🌹🌹🌹🌹🌹🌹श्लोक 4 . 27🌹🌹🌹🌹: Niru Ashra
श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 4 : दिव्य ज्ञान🌹🌹🌹🌹🌹🌹श्लोक 4 . 27🌹🌹🌹🌹 सर्वाणीन्द्रियकर्माणि प्राणकर्माणि चापरे |आत्मसंयमयोगग्नौ जुह्वति ज्ञानदीपिते || २७ || सर्वाणि – सारी; इन्द्रिय – इन्द्रियों के; कर्माणि – कर्म; प्राण-कर्माणि – प्राणवायु के कार्यों को; च – भी; अपरे – अन्य; आत्म-संयम – मनोनिग्रह को; योग – संयोजन विधि; अग्नौ – अग्नि में; जुह्वति – अर्पित … Read more