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July 7, 2025 1:12 am

श्रीमद्भगवद्गीता-अध्याय 4 : दिव्य ज्ञान-श्लोक 4 . 33 : Niru Ashra

श्रीमद्भगवद्गीता-अध्याय 4 : दिव्य ज्ञान-श्लोक 4 . 33 : Niru Ashra

श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 4 : दिव्य ज्ञान श्लोक 4 . 33 श्रेयान्द्रव्यमयाज्ञाज्ज्ञानयज्ञः परन्तप |सर्वं कर्माखिलं पार्थ ज्ञाने परिसमाप्यते || ३३ || श्रेयान् – श्रेष्ठ; द्रव्य-मयात् – सम्पत्ति के; यज्ञात् – यज्ञ से; ज्ञान-यज्ञः – ज्ञानयज्ञ; परन्तप – हे शत्रुओं को दण्डित करने वाले; सर्वम् – सभी; कर्म – कर्म; अखिलम् – पूर्णतः; पार्थ – हे पृथापुत्र; … Read more

महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (060)- Niru Ashra

महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (060)- Niru Ashra

महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (060) (स्वामी अखंडानंद सरस्वती ) जो जैसिह तैसेहि उठ धायीं-2 संगमविरहविकल्पे वरमिह विरहो न संगमस्तस्य यहाँ है तो, ‘तस्याह’ लेकिन चैतन्य महाप्रभु ने इसको तस्य कर दिया है। तो हम सुना रहे हैं कि आप आस्तिक हैं, सभी देवी-देवता को हाथ जोड़ लेते हैं- कृष्ण का मंदिर पड़ गया, हाथ … Read more

!! दोउ लालन ब्याह लड़ावौ री !!-( श्रीमहावाणी में ब्याहुला उत्सव )-!! महालालची लाल जू !! : Niru Ashra

!! दोउ लालन ब्याह लड़ावौ री !!-( श्रीमहावाणी में ब्याहुला उत्सव )-!! महालालची लाल जू !! : Niru Ashra

!! दोउ लालन ब्याह लड़ावौ री !! ( श्रीमहावाणी में ब्याहुला उत्सव ) !! महालालची लाल जू !! गतांक से आगे – जी , ये रस क्षेत्र है …यहाँ लालच नही होगा तो रस खिलेगा नही । ये प्रेम है ….ये क्षेत्र ही ऐसा है जहाँ लोभ , राग , काम ये सब आकर उच्च … Read more

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 121 !!-सौन्दर्यबोध और संगीत – “निकुञ्ज लोक में”भाग 1 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 121 !!-सौन्दर्यबोध और संगीत – “निकुञ्ज लोक में”भाग 1 : Niru Ashra

🍃🌲🍃🌲🍃🌲 !! “श्रीराधाचरितामृतम्” 121 !! सौन्दर्यबोध और संगीत – “निकुञ्ज लोक में”भाग 1 🌲🌲🌲🌲🌲 निकुञ्ज लोक – वैकुण्ठ धाम के अंतर्गत आता है….साकेत धाम….. साकेत धाम से आगे एक दिव्य द्वीप है……जिसे कई पुराणों नें “श्वेतद्वीप” भी कहा है……और इस द्वीप में, वही प्रवेश कर सकता है …..जो वैकुण्ठ का भी भेदन करके आगे जानें … Read more