!!”श्रीराधाचरितामृतम्” 153 !!(2),!! निकुँजोपासना का सिद्धान्त !!,महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (138) & श्रीमद्भगवद्गीता : Niru Ashra
🙏🙏🌹🌹🙏🙏 !!”श्रीराधाचरितामृतम्” 153 !! “बृज की पुनर्स्थापना” – परीक्षित का प्रस्तावभाग 2 🙇♀️🙇♀️🙇♀️🙇♀️🙇♀️ नेत्र सजल हैं परीक्षित के । बृज अभी जन शुन्य है ……..जन की भी आवश्यकता पड़ेगी बृज को वापस बसानें में……….मैं उसकी कमी भी पूरी करूँगा ……परीक्षित उत्साहित हैं…….महर्षि ने परीक्षित की बात का अनुमोदन किया । हे परीक्षित ! पर आज … Read more