🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏(78-1),“साधकों ! ये करो, आनन्द आनन्द रहेगा”,श्री भक्तमाल (030) तथा श्रीमद्भगवद्गीता : नीरु आशरा
🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏 मैंजनकनंदिनी..7️⃣8️⃣भाग 1 ( माता सीता के व्यथा की आत्मकथा)🌱🌻🌺🌹🌱🌻🌺🌹🥀💐 करि विराध वध….📙( रामचरितमानस )📙🙏🙏👇🏼🙏🙏 मैं वैदेही ! प्रातः स्नानादि से निवृत्त होकर हम लोग ऋषि अत्रि के सन्मुख उपस्थित थे ……उनके साथ जगत वन्दनीया माँ अनुसुइया भी थीं । मुझे हृदय से लगाकर आनन्दित हुयी थीं वो वत्सल्यमयी …….. ऋषि … Read more