🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏(98–3), श्री भक्तमाल (088) तथा श्रीमद्भगवद्गीता : Niru Ashra
Niru Ashra: 🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰 मैंजनकनंदिनी..9️⃣8️⃣भाग 3 ( माता सीता के व्यथा की आत्मकथा)🌱🌻🌺🌹🌱🌻🌺🌹🥀💐 नमामि चन्द्रभगिनीं सीतां सर्वाङ्गसुन्दरीम् ।नमामि धर्मनिलयां करुणां वेदमातरम् ॥ ६॥ रावण सोच ही रहा था कि जटायू जी रावण के सामनें खड़े हो गए थे ……इतना विशाल पक्षी !………रावण का रथ रुक गया था ……… रावण चिल्लाया …………..सारथि रथ … Read more