🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏(103 u-3), “श्रीकृष्णसखा ‘मधुमंगल’ की आत्मकथा-2”, श्री भक्तमाल (103) तथा श्रीमद्भगवद्गीता : Niru Ashra
🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏[] Niru Ashra: 🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏 मैंजनकनंदिनी..1️⃣0️⃣3️⃣भाग 3 ( माता सीता के व्यथा की आत्मकथा)🌱🌻🌺🌹🌱🌻🌺🌹🥀💐 कुन्तलाकुल-कपोलमाननं, राहुवक्त्रग-सुधाकरद्युतिम्।वाससा पिदधतीं हियाकुलां भावये मनसि रामवल्लभाम्।। काला रँग था कैकसी का ………….मोटे होठ थे ……….आँखें बड़ी बड़ी थी ……देह मानों कामुकता का सागर था ………केश राशि लहराती कई नागिनों का समूह प्रतीत हो … Read more