🙏🥰 श्री सीताराम शरणम् मम 🥰 🙏(112-1),“श्रीकृष्णसखा ‘मधुमंगल’ की आत्मकथा-29”,: श्री भक्तमाल (129) & श्रीमद्भगवद्गीता : Niru Ashra
[] Niru Ashra: 🙏🥰 श्री सीताराम शरणम् मम 🥰 🙏🌺भाग >>>>>>1️⃣1️⃣2️⃣🌺मै जनक नंदिनी ,,,भाग 1 🌱🌻🌺🌹🌱🥰🌻🌺🌹🌾💐 कहेउ राम बियोग तव सीता।मो कहुँ सकल भए बिपरीता।। नव तरु किसलय मनहुँ कृसानू।कालनिसा सम निसि ससि भानू।। कुबलय बिपिन कुंत बन सरिसा।बारिद तपत तेल जनु बरिसा।। जे हित रहे करत तेइ पीरा।उरग स्वास सम त्रिबिध समीरा।। कहेहू तें … Read more