श्री सीताराम शरणम् ममभाग 116(1) श्रीकृष्णसखा’मधुमंगल’ की आत्मकथा – 40″, श्री भक्तमाल (140)तथा श्रीमद्भगवद्गीता : नीरु आशरा
] Niru Ashra: 🙏🥰 श्री सीताराम शरणम् मम 🥰 🙏🌺भाग >>>>>>>1️⃣1️⃣6️⃣🌺मै जनक नंदिनी ,,,भाग 1 🌱🌻🌺🌹🌱🥰🌻🌺🌹🌾💐 ध्येयं सदा परिभवघ्नमभीष्टदोहं,तीर्थास्पदं शिवविरिञ्चिनुतं शरण्यम् ।भृत्यार्तिहं प्रणतपालभवाब्धिपोतं,वन्दे महापुरुष ते चरणारविन्दम् ॥ “वैदेही की आत्मकथा” गतांक से आगे – मैं वैदेही ! त्रिजटा उस दिन उदास थी ……..क्यों की रावण की सभा में स्वयं रावण नें ही अपनें छोटे भाई … Read more