वसंतोत्सव:—-आखिर है क्या? यही तो प्रेमोत्स : Kusuma Giridhar
जय श्री राधे राधे जी🙏🏻🌹🙏🏻🌹🙏🏻❤वसंतोत्सव:—-आखिर है क्या?????यही तो प्रेमोत्सव है,❤जब जीवात्मा और परमात्मा का मिलन होता है,द्बैत भाव से अद्वैत मे प्रवेश करता है,एक ही रंग में रंग जाते हैं।।🌹😭🌹जैसे उदाहरण के लिए:—गोपियो ने कहा,या रसिया कूं, नार बनाओ री,और बनाया भी,श्री रस -रासेश्वर बने भी।😘अष्ट सखाओं द्वारा रचित ,सभी रचनाऐ अलौकिक है,चाहैं वह रसिया … Read more