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July 8, 2025 7:10 am

!! परम वियोगिनी – श्रीविष्णुप्रिया !!- त्रयोविंशति अध्याय : Niru Ashra

!! परम वियोगिनी – श्रीविष्णुप्रिया !!- त्रयोविंशति अध्याय : Niru Ashra

!! परम वियोगिनी – श्रीविष्णुप्रिया !! ( त्रयोविंशति अध्याय: ) गतांक से आगे – पण्डितों को बुलाया गया ….एक नही पाँच पण्डित बुलाये गये । निमाई को ठीक करना है ….दो तान्त्रिक भी आये हैं …वो पूर्व ही “दुर्गा दुर्गा” कहकर कुछ झाड़ फूंक कर चले गये । अब गृह देवता की आराधना होगी …वही … Read more

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 36 !!-वेद पुरान हमें नही सूझे …भाग 3 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 36 !!-वेद पुरान हमें नही सूझे …भाग 3 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 36 !! वेद पुरान हमें नही सूझे …भाग 3 इस आश्चर्य को देख कामदेव मूढ़ सा हो गया ………एक देह से गोपियाँ अपनें पतियों के पास ही थीं ……..पर दूसरे दिव्य देह से ……वो सब कृष्ण की ओर बढ़ रही थीं ……….उनके देह से ज्योति निकल रही थी …….वो सर्वत्र फैलती जाती थी … Read more

उद्धव गोपी संवाद:-२७ एवं २८ : Niru Ashra

उद्धव गोपी संवाद:-२७ एवं २८ : Niru Ashra

उद्धव गोपी संवाद:-२७ एवं २८ भगवान श्रीकृष्ण वृंदावन को याद करते हुए कह रहे हैं:-संग मिल कहों कासों बात।यह तो कतथ योग की बातें,जामें रस जरि जात।।कहत,कहा पितु माता कौन,कौ पुरुष नारि कहा नात।कहां यशोदा सी है मैया, कहां नंद सम तात।।कहां वृषभानु सुता संग को सुख,यह वासर वह प्रात।सखी सखा सुख नहीं त्रिभुवन में, … Read more