Explore

Search

July 20, 2025 4:48 pm

महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (033) : નીરુ આશરા

महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (033) : નીરુ આશરા

महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (033) (स्वामी अखंडानंद सरस्वती ) कृपायोग का आश्रय और चंद्रोदय भगवान तो क्या, हम लोग भी अफवाह, प्रवाद उड़ा देते हैं कि हा, हा, हम भी भगवान का मजा ले रहे हैं। और हमको अपनी इसमें बड़ी प्रतिष्ठा मालूम पड़ती है, इज्जत मालूम पड़ती है। एक हमारे साधु हैं, बिहार … Read more

!! एक अद्भुत काव्य – “प्रेम पत्तनम्” !!-( प्रेम नगर 44 – “जहाँ अन्धा ही आँख वाला है”) : નીરુ આશરા

!! एक अद्भुत काव्य – “प्रेम पत्तनम्” !!-( प्रेम नगर 44 – “जहाँ अन्धा ही आँख वाला है”) : નીરુ આશરા

!! एक अद्भुत काव्य – “प्रेम पत्तनम्” !! ( प्रेम नगर 44 – “जहाँ अन्धा ही आँख वाला है”) गतांक से आगे – यत्राचक्षुष एव सहस्रचक्षुष : ।। अर्थ – जहाँ ( प्रेम नगर में ) अन्धा ही हजार आँख वाला है । *बाबा ! मुझे मेडिटेशन सिखाइये । पागलबाबा से उन दिनों थोड़ा मुँह … Read more

!! “श्रीराधाचरितामृतम्”104 !!-गहवर वन में जब “रात” ठहर गयी-भाग 2 : નીરુ આશરા

!! “श्रीराधाचरितामृतम्”104 !!-गहवर वन में जब “रात” ठहर गयी-भाग 2 : નીરુ આશરા

🙏🌺🙏🌺🙏🌺🙏 !! “श्रीराधाचरितामृतम्” 104 !! गहवर वन में जब “रात” ठहर गयी…भाग 2 रंग देवी ! कहाँ हो तुम ? मैं यहाँ अकेले ? रात हो रही है ! ओह रंग देवी ! पता नही क्यों मुझे रात्रि से डर लगता है …..मैं डरती हूँ ……..क्यों की रात्रि को मेरा उन्माद बढ़ जाता है …………और … Read more

A POEM LIED WITHIN ALL OF US…LET US ALL KNOW THE TRUTH.H.K. PATEL: Kusuma Giridhar

A POEM LIED WITHIN ALL OF US…LET US ALL KNOW THE TRUTH.H.K. PATEL: Kusuma Giridhar

A POEM LIED WITHIN ALL OF US…….. LET US ALL KNOW THE TRUTH….…..H.K. PATEL…. રાત આખી જાગવા જેવી હતી, એક વ્યક્તિ ચાહવા જેવી હતી. માત્ર આંસુઓ જ જોયાં છે તમે, આંખ એની વાંચવા જેવી હતી… જીંદગી કશું નહિ પણ ઈશ્વર એ બક્ષેલી યાત્રા છે ક્યારેક સુખ તો ક્યારેક દુખ ભરેલી જાત્રા છે મણાય એટલી માણી … Read more