श्रीदमणिया माछी महाजन ने यूके में नई पीढ़ी को ‘सनातन मूल्यों’ से अवगत कराने का उठाया बीड़ा, केशव बटाक ने सराहा
London २१-११-२०२३श्रीदमणिया माछी महाजन ने यूके में नई पीढ़ी को ‘सनातन मूल्यों’ से अवगत कराने का उठाया बीड़ा, केशव बटाक ने सराहा
London २१-११-२०२३श्रीदमणिया माछी महाजन ने यूके में नई पीढ़ी को ‘सनातन मूल्यों’ से अवगत कराने का उठाया बीड़ा, केशव बटाक ने सराहा
अध्याय 3 : कर्मयोग🪻🪻🪻🪻🪻श्लोक 3 . 43🪻🪻🪻🪻 एवं बुद्धे: परं बुद्ध्वा संस्ताभ्यात्मानमात्मना |जहि शत्रुं महाबाहो कामरूपं दुरासदम् || ४३ || एवम् – इस प्रकार; बुद्धेः – बुद्धि से; परम् – श्रेष्ठ; बुद्ध्वा – जानकर; संसत्भ्य – स्थिर करके; आत्मानम् – मन को; आत्मना – सुविचारित बुद्धि द्वारा; जहि – जीतो; शत्रुम् – शत्रु को; महा-बाहो … Read more
महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (045) (स्वामी अखंडानंद सरस्वती ) गोपियों ने वंशी-ध्वनि सुनी कहा- क्यों? तो बोले- उसकी मुक्ति में तो कोई बाधा नहीं पड़ती, मुक्त तो है, परंतु यदि पहले से उपासना का संस्कार है तब तो ‘नेति-नेति’ से निषेध के अनन्तर स्वरूप-स्थिति होने पर इस सच्चिदानन्दघन सगुण ब्रह्मा का आविर्भाव तत्त्ववित् के … Read more
!! इति “प्रेमपत्तनम्” !! ( प्रेमनगर – उपसंहार ) गतांक से आगे – हे रसिकों ! “प्रेमपत्तनम्” राज्य में अपनी ओर से “मधुरमेचक” नामक राजा की महारानी रति ने नगर के नियमों में पूरी तरह हेर फेर कर दी थी …सब उलट पुलट कर दिया था । जैसा कि आप लोगों ने इसे पढ़ा ….बाहर … Read more
🙌🌹🙌🌹🙌 !! “श्रीराधाचरितामृतम्” 110 !! श्रीराधा की अद्भुत विस्मृति…भाग 3 दूर है ना द्वारिका …………….बहुत दूर ! पर मैं कैसे जाऊँ वहाँ ? दूर है तो मैं कैसे जाऊँ ? फिर हँसी ………उन्माद चरम पर पहुँचा श्रीराधारानी का । पर मैं उन्हें देखूंगी …………..दूर से देखूंगी ………….उनकी सेवा होती है कि नही ……मैं देखूंगी ……….उनके … Read more