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October 23, 2025 5:29 pm

श्रीमद्भगवद्गीता-अध्याय 4 : दिव्य ज्ञान🌹🌹श्लोक 4 . 18 : Niru Ashra

श्रीमद्भगवद्गीता-अध्याय 4 : दिव्य ज्ञान🌹🌹श्लोक 4 . 18 : Niru Ashra

श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 4 : दिव्य ज्ञान🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹श्लोक 4 . 18🌹🌹🌹🌹🌹 कर्मण्यकर्म यः पश्येदकर्मणि च कर्म यः |स बुद्धिमान्मनुष्येषु स युक्तः कृत्स्नकर्मकृत् || १८ || कर्मणि – कर्म में; अकर्म – अकर्म; यः – जो; पश्येत् – देखता है; अकर्मणि – अकर्म में; च – भी; कर्म – सकाम कर्म; यः – जो; सः – वह; बुद्धिमान् … Read more

महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (052): Niru Ashra

महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (052): Niru Ashra

महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (052) (स्वामी अखंडानंद सरस्वती ) श्रीकृष्ण के प्रति गोपियों का अभिसार भाई! थियोसोफिकल सोसाइटी ने कहा कि हम हिन्दू धर्म, मुसलमान धर्म, ईसाई धर्म सबका समन्वय करेंगे, सबको एक बतायेंगे, तो एक धर्म और अलग बन गया। अगर सौ धर्म पहले से थे तो एक सौ एक धर्म बन गये। … Read more

!! दोउ लालन ब्याह लड़ावौ री !!-( श्रीमहावाणी में ब्याहुला उत्सव )-!! “दूलह दुलहिन नख सिख सोभा” !! : Niru Ashra

!! दोउ लालन ब्याह लड़ावौ री !!-( श्रीमहावाणी में ब्याहुला उत्सव )-!! “दूलह दुलहिन नख सिख सोभा” !! : Niru Ashra

!! दोउ लालन ब्याह लड़ावौ री !! ( श्रीमहावाणी में ब्याहुला उत्सव ) !! “दूलह दुलहिन नख सिख सोभा” !! गतांक से आगे – “महावाणी की उपासना में श्रीराधा और श्रीकृष्ण को अलग अलग नही देखा गया है….”युगल” को एक ही माना गया । इसलिए यहाँ निकुँज की सखियाँ अकेली श्रीराधा की ही उपासिका नही … Read more

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 116 !!-त्रिपुरासुन्दरी द्वारा अर्जुन को “राधाभाव” का उपदेश भाग 3 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 116 !!-त्रिपुरासुन्दरी द्वारा अर्जुन को “राधाभाव” का उपदेश भाग 3 : Niru Ashra

🌲🍁🌲🍁🌲🍁🌲 !! “श्रीराधाचरितामृतम्” 116 !! त्रिपुरासुन्दरी द्वारा अर्जुन को “राधाभाव” का उपदेशभाग 3 🦚🦚🦚🦚 6 ) भाव । हे पार्थ ! तमोगुण का नाश रजोगुण से करे साधक ……….फिर रजोगुण का नाश सत्वगुण से करे …………अब सत्वगुण ही है हमारे अन्तःकरण में ………जब विशुद्ध सत्व होगा ……..तब ईश्वर के प्रति अटल विश्वास होगा ……….तब लगनें … Read more

|| उर्वशी का अर्जुन को श्राप || :Niru Ashra

|| उर्वशी का अर्जुन को श्राप || :Niru Ashra

|| उर्वशी का अर्जुन को श्राप ||*जाने कथा वैदिक पथिक से-✍महाभारत में एक जगह उल्लेख मिलता है कि इंद्रलोक की अप्सरा उर्वशी ने अपने श्राप से अर्जुन को नपुंसक बना दिया। लेकिन ऐसा हुआ क्यों और अर्जुन नपुंसक बनने के बाद कहाँ रहे यहां पढ़ें महाभारत की यह घटना। वेदव्यास जी कहने पर अपना राज … Read more

|| सनातन शब्द ही पवित्र जीवनशैली का प्रतीक है ||:Niru Ashra

|| सनातन शब्द ही पवित्र जीवनशैली का प्रतीक है ||:Niru Ashra

वैदिक पथिक-✍ || सनातन शब्द ही पवित्र जीवनशैली का प्रतीक है ||****वैदिक पथिक-✍भारत में जो कुछ भी किया जाए,उससे भारतीयता विलग नहीं होनी चाहिए। भारतीयता का एक बड़ा आधार है- सनातन धर्म। सनातनी होने का अर्थ है, मनुष्य जीवन में जो कुछ भी श्रेष्ठ है, उसको पहचानना, उजागर करना और समस्त प्राणियों के लिए उसका … Read more