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July 6, 2025 1:40 pm

विशिष्ट कलाकार चौला दोशी का जन्म (1976) और पालन-पोषण अहमदाबाद, गुजरात में हुआ।

विशिष्ट कलाकार चौला दोशी का जन्म (1976) और पालन-पोषण अहमदाबाद, गुजरात में हुआ।

महानगर पेंटर अकीबुकी और रंग के साथ बड़ा होना। बचपन में शिक्षा अंतराल में होमवर्क की किताब विभिन्न चित्रों से भरी हुई थी। एक विशिष्ट कलाकार चौला दोशी का जन्म (1976) और पालन-पोषण अहमदाबाद, गुजरात में हुआ।औपचारिक शिक्षा पूरी करने के बाद, उन्होंने खुद को फैशन डिजाइन में डुबो दिया करना घर में पूजा का … Read more

જીવનચરિત્ર કથા : ભાગ 263પ્રખ્યાત ગુજરાતી સાહિત્યકાર ધૂમકેતુ (જોશી ગૌરીશંકર ગોવર્ધનરામ) નો આજે જન્મદિવસ : Manoj Acharya

જીવનચરિત્ર કથા : ભાગ 263પ્રખ્યાત ગુજરાતી સાહિત્યકાર ધૂમકેતુ (જોશી  ગૌરીશંકર ગોવર્ધનરામ) નો આજે જન્મદિવસ : Manoj Acharya

જીવનચરિત્ર કથા : ભાગ 263પ્રખ્યાત ગુજરાતી સાહિત્યકાર ધૂમકેતુ (જોશી, ગૌરીશંકર ગોવર્ધનરામ) (જ. 12 ડિસેમ્બર 1892, વીરપુર; અ. 11 માર્ચ 1965, અમદાવાદ) નો આજે જન્મદિવસ છે.બાલ્યાવસ્થામાં એમનું નામ ભીમદેવ અને લાડનું નામ મણિભાઈ. નાનપણમાં અભ્યાસમાં અરુચિ અને શાળાએ જવામાં નિરુત્સાહી પણ ભાભીને ભણાવતાં વિદ્યાનો નાદ લાગ્યો. ગણિતમાં કંટાળો, પણ ઇતિહાસનો રસ જાગ્યો અને વાંચવાનો શોખ વધ્યો. … Read more

!! दोउ लालन ब्याह लड़ावौ री !!-( श्रीमहावाणी में ब्याहुला उत्सव )-!! “परम उदार सहेलियाँ” !! : Niru Ashra

!! दोउ लालन ब्याह लड़ावौ री !!-( श्रीमहावाणी में ब्याहुला उत्सव )-!! “परम उदार सहेलियाँ” !! : Niru Ashra

!! दोउ लालन ब्याह लड़ावौ री !! ( श्रीमहावाणी में ब्याहुला उत्सव ) !! “परम उदार सहेलियाँ” !! गतांक से आगे – नव नव सुख सरसावतौ , तन मन प्राण धना ।लाड़ लड़ीली लाड़िली, बनरी संग बना ।।बना बनी के ब्याह के , रसमय मंगलचार ।श्रीरंगदेवि संग सहचरी , गावत परम उदार ।।परम उदार सहेलियाँ … Read more

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 117 !!-या में दो न समाहीं – अद्भुत सखीभाव भाग 3 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 117 !!-या में दो न समाहीं – अद्भुत सखीभाव भाग 3 : Niru Ashra

🍃🌺🍃🌺🍃🌺🍃 !! “श्रीराधाचरितामृतम्” 117 !! , हे ललिता सखी जू ! मुझे निकुञ्ज की उसी लीला का दर्शन करना है । हँसी ललिता सखी ………..अर्जुन ! ये सम्भव नही है । क्यों सम्भव नही है ? आप चाहें कुछ भी कर सकती हैं …….. अर्जुन नें प्रार्थना की । पर……..निकुञ्ज में पुरुष का प्रवेश नही … Read more

श्रीमद्भगवद्गीता-अध्याय 4 : दिव्य ज्ञान🌹श्लोक 4 . 21 & 22: Niru Ashra

श्रीमद्भगवद्गीता-अध्याय 4 : दिव्य ज्ञान🌹श्लोक 4 . 21 &  22: Niru Ashra

श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 4 : दिव्य ज्ञान🌹🌹🌹🌹🌹🌹श्लोक 4 . 21🌹🌹🌹🌹🌹निराशीर्यतचित्तात्मा त्यक्तसर्वपरिग्रहः |शारीरं केवलं कर्म कुर्वन्नाप्नोति किल्बिषम् || २१ || निराशीः – फल की आकांक्षा से रहित, निष्काम; यत – संयमित; चित्त-आत्मा – मन तथा बुद्धि; त्यक्त – छोड़ा; सर्व – समस्त; परिग्रहः – स्वामित्व; शारीरम् – प्राण रक्षा; केवलम् – मात्र; कर्म – कर्म; कुर्वन् – … Read more

महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (053) & (054) : Niru Ashra

महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (053) & (054) : Niru Ashra

महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (053) (स्वामी अखंडानंद सरस्वती ) जो जैसिह तैसिह उठ धायीं-1 किसी ने कहा कि जब तक धर्म-अर्थ-कामरूप, त्रिवर्ग की प्राप्ति न हो तब तक कर्म करो, माने फल-पर्यन्त कर्म करते रहो। अब फल मिलना तो अपने हाथ में नहीं है- ‘फलमतः उपत्तेः’- फल देने वाला ईश्वर है; पता नहीं किस … Read more