श्रीमद्भगवद्गीता-अध्याय 4 : दिव्य ज्ञान💙श्लोक 4 . 40 & 41💙: Niru Ashra
Niru Ashra: श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 4 : दिव्य ज्ञान🌹🌹🌹🌹🌹🌹श्लोक 4 . 40🌹🌹🌹🌹अज्ञश्र्चाद्यधानश्र्च संशयात्मा विनश्यति |नायं लोकोSस्ति न परो न सुखं संशयात्मनः || ४० || अज्ञः – मुर्ख, जिसे शास्त्रों का ज्ञान नहीं है; च – तथा; अश्रद्द धानः – शास्त्रों में श्रद्धा से विहीन; च – भी; संशय – शंकाग्रस्त; आत्मा – व्यक्ति; विनश्यति – गिर … Read more