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November 21, 2024 4:27 pm

श्रीमद्भगवद्गीता-अध्याय 4 : दिव्य ज्ञान💙श्लोक 4 . 40 & 41💙: Niru Ashra

श्रीमद्भगवद्गीता-अध्याय 4 : दिव्य ज्ञान💙श्लोक 4 . 40 & 41💙: Niru Ashra

Niru Ashra: श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 4 : दिव्य ज्ञान🌹🌹🌹🌹🌹🌹श्लोक 4 . 40🌹🌹🌹🌹अज्ञश्र्चाद्यधानश्र्च संशयात्मा विनश्यति |नायं लोकोSस्ति न परो न सुखं संशयात्मनः || ४० || अज्ञः – मुर्ख, जिसे शास्त्रों का ज्ञान नहीं है; च – तथा; अश्रद्द धानः – शास्त्रों में श्रद्धा से विहीन; च – भी; संशय – शंकाग्रस्त; आत्मा – व्यक्ति; विनश्यति – गिर … Read more

महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (066) : Niru Ashra

महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (066) : Niru Ashra

महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (066) (स्वामी अखंडानंद सरस्वती ) जार-बुद्धि से भी भगवत्प्राप्ति सम्भव है भगवान् जय हयग्रीव बनेंगे तो भैंस होकर उनसे मैत्री कोई थोड़े जोड़ेगा। अरे, भगवान् मछली बनेंगे तो उनके साथ मछली बनाना पड़ेगा और कछुआ बनेंगे तो उनके साथ कछुआ बनना पड़ेगा। वे वराह बनेंगे तो उनके साथ वराह ही … Read more

!! दोउ लालन ब्याह लड़ावौ री !!-( श्रीमहावाणी में ब्याहुला उत्सव )-!! : Niru Ashra

!! दोउ लालन ब्याह लड़ावौ री !!-( श्रीमहावाणी में ब्याहुला उत्सव )-!! : Niru Ashra

!! दोउ लालन ब्याह लड़ावौ री !! ( श्रीमहावाणी में ब्याहुला उत्सव ) !! अति आनन्द उछाह !! गतांक से आगे – वो श्रीराधा आज दुलहिन बनी हैं ….जो सुख तरंगिनी हैं , अपने श्याम सुन्दर के रंग रंगिनी हैं । दुलहा वो बने हैं ….जो अखिल प्रेमामृत सार सर्वस्व हैं ….और उस प्रीत सर … Read more

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 123 !!-“युगलतत्व” – एक दिव्य झाँकी भाग 2 & 3 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 123 !!-“युगलतत्व” – एक दिव्य झाँकी भाग 2 & 3 : Niru Ashra

Niru Ashra: 👏👏👏👏👏 !! “श्रीराधाचरितामृतम्” 123 !! “युगलतत्व” – एक दिव्य झाँकीभाग 2 🌷🌷🌷🌷🌷 हे स्वामिनी ! हे कृष्ण प्रिये ! हे राधिके ! हे कृष्णबल्लभा ! आपसे मेरा एक प्रश्न है ……..अगर आपकी कृपा हो तो पूछूँ ? हाँ हाँ ललिते ! पूछो ! मुस्कुराती हुयी श्रीराधिका बोलीं । आप युगल हैं ……..आप हैं … Read more