🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏(84–3),मिथिला के भक्त – 8,श्री भक्तमाल (048) તથા श्रीमद्भगवद्गीता : Niru Ashra
Niru Ashra: 🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏 मैंजनकनंदिनी..8️⃣4️⃣भाग 3 ( माता सीता के व्यथा की आत्मकथा)🌱🌻🌺🌹🌱🌻🌺🌹🥀💐 मैं वैदेही ! धन्यवाद पक्षिराज ! मुझे बार बार धन्यवाद कर रहे थे महाराज । आपनें दशरथ के प्राण बचाये हैं………..बोलिये क्या चाहिये आपको ? राम ! उस समय मेरे मुख से निकल गया …….आपका प्रथम पुत्र ! क्या … Read more