🌹🪷 गहराई प्रेम की,कर्तव्य की व दर्द की भाग -37🪷🌹 : Kusuma Giridhar
🌹🪷 गहराई प्रेम की,कर्तव्य की व दर्द की भाग -37🪷🌹 🦚🐚🦚सोचना नहीं है अब कर्ण।ये समय की मांग है कि तुम अपनी कर्मभूमि तय करो।तुम सूतपुत्र होने पर तेजस्वी योद्धा होते भी दुःखी थे और जब आज तुम्हें ज्ञात हो गया है कि तुम क्षत्रिय हो तो अब दुखी न होकर अपनी बुद्धि प्रयोग करके … Read more