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November 21, 2024 1:12 pm

।। राधा बाग में – “श्रीहित चौरासी” ।।- हित सखी की कृपा – “ मंजुल कल कुंज देस” : Niru Ashra

।। राधा बाग में – “श्रीहित चौरासी” ।।- हित सखी की कृपा – “ मंजुल कल कुंज देस” : Niru Ashra

।। राधा बाग में – “श्रीहित चौरासी” ।। ( हित सखी की कृपा – “ मंजुल कल कुंज देस” ) गतांक से आगे – आज आनन्द दुगुना हुआ …क्यों की बाबा के साथ गहवर वन की परिक्रमा लगाने का भी अवसर हम सबको मिल गया । बरसाना में वर्षा हो रही है …मोर नाच रहे … Read more

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 52 !!-अब सौ वर्ष का दारुण वियोग..भाग 1: Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 52 !!-अब सौ वर्ष का दारुण वियोग..भाग 1: Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 52 !! अब सौ वर्ष का दारुण वियोग..भाग 1 मैं तुम्हारे हाथ जोड़ता हूँ …..थोडा शीघ्र करो ना ! क्या हो गया आज तुम्हे…..क्यों इस तरह मुँह फुलाये बैठी हो ! न तुमनें आज इस कानन को सजाया है …….न सुमन सेज ? न इस मार्ग को ……न इस कुञ्ज को ………क्यों ? … Read more

🦚 विरही- गोपी- उध्धव छे- संवाद-२८🦚🌹 भ्रमर -गीत🌹: Niru Ashra

🦚 विरही- गोपी- उध्धव छे- संवाद-२८🦚🌹 भ्रमर -गीत🌹: Niru Ashra

🦚 विरही- गोपी- उध्धव छे- संवाद-२८🦚🌹 भ्रमर -गीत🌹 🌺 उद्धवजी की सलाह🌺 🪷 ब्रजबालाओं कोउद्धव ब्रजांगनाओं को समझाईश देते हैं कि, 👉 आप मेरी बातें मानेगी तो कन्हैया जल्दी मिल सकेगा : 🙏 १. आप अपनी मोहांधता लौकिक दृष्टि को त्यागो।🙏 २. ज्ञान दृष्टि से देखने का प्रयास करेंगी तो श्रीकृष्ण क्षण मात्र समय में … Read more

!! राधा बाग में – “श्रीहित चौरासी” !!-अद्वितीय रसिक – “आजु नागरी किशोर” : Niru Ashra

!! राधा बाग में – “श्रीहित चौरासी” !!-अद्वितीय रसिक – “आजु नागरी किशोर” : Niru Ashra

!! राधा बाग में – “श्रीहित चौरासी” !! ( अद्वितीय रसिक – “आजु नागरी किशोर” ) गतांक से आगे – इनके जैसे रसिक न हुये, न होंगे …’मन्मथ’को ही इन्होंने इतना मथा कि वो ‘रस’ बन गया । कामदेव का स्थान है निकुँज में …काम के अनेक नाम हैं …मदन , मनोज , मन्मथ ….इस … Read more

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 51 !!-“होरी” – मधुर रस का अद्भुत समर्पण भाग 3 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 51 !!-“होरी” – मधुर रस का अद्भुत समर्पण भाग 3 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 51 !! “होरी” – मधुर रस का अद्भुत समर्पणभाग 3 हँसते हुए इस प्रसंग को बता रहे थे महर्षि शाण्डिल्य …………. पूरे बरसानें में कीच ही कीच मच गयी है ……केशर की कीच है चारों ओर ………..पिचकारी की झरी लग गयी है ……….. और कुछ सखियाँ लगातार लट्ठ बजा रही है नन्दगाँव के … Read more

🦚 विरही- गोपी- उध्धव छे- संवाद-२७🦚🌹 भ्रमर -गीत🌹: Niru Ashra

🦚 विरही- गोपी- उध्धव छे- संवाद-२७🦚🌹 भ्रमर -गीत🌹: Niru Ashra

🦚 विरही- गोपी- उध्धव छे- संवाद-२७🦚🌹 भ्रमर -गीत🌹 🙏 १. हमारी श्याम विराजते समय की आदतें पड़ी हुई है, भुलाती नहीं है। ऐसा लगता है एक-एक बातें आज भी वैसे लीला हो रही हो। दिल से हटती नहीं।🙏 २. कोई उत्सव, पर्व हो हम रसोई बनाती रही हो अचानक श्याम आकर कहेगा, ‘लाओ क्या तैयार … Read more

!! राधा बाग में – “श्रीहित चौरासी” !!-अद्भुत जोरी – “बनी श्रीराधा मोहन की जोरी”: Niru Ashra

!! राधा बाग में – “श्रीहित चौरासी” !!-अद्भुत जोरी – “बनी श्रीराधा मोहन की जोरी”: Niru Ashra

!! राधा बाग में – “श्रीहित चौरासी” !! ( अद्भुत जोरी – “बनी श्रीराधा मोहन की जोरी”) गतांक से आगे – अद्भुत जोरी है ……इनका करो ध्यान । रस और आनन्द की ये जोरी …श्रीराधा रस हैं तो श्याम सुन्दर आनन्द ….जब रस और आनन्द मिल जाये …तब विचार करो …क्या हो ? अजी ! … Read more

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 51 !!-“होरी” – मधुर रस का अद्भुत समर्पण भाग 2 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 51 !!-“होरी” – मधुर रस का अद्भुत समर्पण भाग 2 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 51 !! “होरी” – मधुर रस का अद्भुत समर्पणभाग 2 कहाँ खेलकर आये हो होरी ? किसनें खिला दिया तुम्हे होरी ? व्यंग बाणों की चोट सह रहे थे श्याम सुन्दर । आँखें तो लाल हो गयीं ………..पर तुम्हारे लाल अधर कैसे काले पड़ गए ? ये होंठ तो तुम्हारे लाल थे ना … Read more

🦚 विरही- गोपी- उध्धव छे- संवाद-२६🦚-भ्रमर -गीत🌹🌺 राधाजी-उद्धव संवाद (कजली वन)🌺 : Niru Ashra

🦚 विरही- गोपी- उध्धव छे- संवाद-२६🦚-भ्रमर -गीत🌹🌺 राधाजी-उद्धव संवाद (कजली वन)🌺 : Niru Ashra

🦚 विरही- गोपी- उध्धव छे- संवाद-२६🦚 🌹 भ्रमर -गीत🌹 🌺 राधाजी-उद्धव संवाद (कजली वन)🌺 🍁 पधारिये ! हम सभी आपका यहाँ आने का स्वागत करती हैं और श्रीराधाजी ने इशारे में कहा।👉 गोपियों अपने प्रियतम के सखा आये हैं इन्हें आसन बिछा बैठा कर जलपान कराओ।उद्धवजी बोले: मैं श्रीकृष्ण का संदेश आपके लिये लेकर आया … Read more

!! राधा बाग में – “श्रीहित चौरासी” !!-जब हितसखी ने कहा -“अति ही अरुण तेरे नैंन री” : Niru Ashra

!! राधा बाग में – “श्रीहित चौरासी” !!-जब हितसखी ने कहा -“अति ही अरुण तेरे नैंन री” : Niru Ashra

!! राधा बाग में – “श्रीहित चौरासी” !! ( जब हितसखी ने कहा -“अति ही अरुण तेरे नैंन री” ) गतांक से आगे – कौन है वो जो इस “अद्वैत”को भी द्वैत बनाने में तुला है ? कौन है वो जो इस आत्माराम में भी दूसरे के प्रति आकर्षण पैदा कर रहा है ? कौन … Read more