!! राधा बाग में – श्रीहित चौरासी !!- रसिक अनन्य श्याम – “कौन चतुर जुवती प्रिया” : Niru Ashra
!! राधा बाग में – श्रीहित चौरासी !! ( रसिक अनन्य श्याम – “कौन चतुर जुवती प्रिया” ) गतांक से आगे – हे कृष्ण ! तुम पूर्ण प्रेमी नही हो सकते ..क्यों की पूर्ण प्रेमी के लिए “अनन्य” होना आवश्यक है । रास लीला के मध्य में श्रीकृष्ण अन्तर्ध्यान हो गये थे …गोपी गीत सुनाकर … Read more