!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 152 !!(1),महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (136),श्रीमद्भगवद्गीता & : !! निकुँजोपासना का सिद्धान्त !! : Niru Ashra
Niru Ashra: 🌳🌳🌻🌻🌳🌳 !! “श्रीराधाचरितामृतम्” 152 !! गोलोक धामभाग 1 🍁🍁🍁☘️🍁🍁🍁 वज्रनाभ ! तुम्हारा यह देश काल तो सृष्टिकर्ता ब्रह्मा के मन की कल्पना ही तो है ……..ब्रह्मा जी के मन में ही ये सब है …….कह सकते हो ये सब ब्रह्मा जी का सपना है । महर्षि बोलते गए ……..आज भाव जगत से बाहर … Read more