श्रीसीताराम शरणम् मम(100-3) होरी खेलत हैं गिरधारी।, श्री भक्तमाल (094) तथा श्रीमद्भगवद्गीता : नीरु आशरा
Niru Ashra: 🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏 मैंजनकनंदिनी..1️⃣0️⃣0️⃣भाग 3 ( माता सीता के व्यथा की आत्मकथा)🌱🌻🌺🌹🌱🌻🌺🌹🥀💐 नमामि विश्वजननीं रामचन्द्रेष्टवल्लभाम् ।सीतां सर्वानवद्याङ्गीं भजामि सततं हृदा ॥ ८॥ ब्रह्मा के अनेक पुत्रों में एक पुत्र ऋषि पुलस्त्य भी थे ………. वत्स ! सृष्टि को आगे बढ़ाओ ! ……विधाता को शायद और कुछ कहना आता ही नही…….उनको सृष्टि … Read more