🙏🥰 श्री सीताराम शरणम् मम 🥰 🙏(112-3),“श्रीकृष्णसखा ‘मधुमंगल’ की आत्मकथा-31”,श्री भक्तमाल (131) तथा श्रीमद्भगवद्गीता : नीरु आशरा
🙏🥰 श्री सीताराम शरणम् मम 🥰 🙏(112-2),“श्रीकृष्णसखा ‘मधुमंगल’ की आत्मकथा-30”,श्री भक्तमाल (130) तथा श्रीमद्भगवद्गीता : नीरु आशरा 🙏🥰 श्री सीताराम शरणम् मम 🥰 🙏🌺भाग >>>>>>1️⃣1️⃣2️⃣🌺मै जनक नंदिनी ,,,भाग 3 🌱🌻🌺🌹🌱🥰🌻🌺🌹🌾💐 कहेउ राम बियोग तव सीता।मो कहुँ सकल भए बिपरीता।। नव तरु किसलय मनहुँ कृसानू।कालनिसा सम निसि ससि भानू।। कुबलय बिपिन कुंत बन सरिसा।बारिद तपत तेल … Read more