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August 5, 2025 9:05 am

!! राधा बाग में – “श्रीहित चौरासी” !!-( रसात्मकता – “नागरी निकुंज ऐंन” ) : Niru Ashra

!! राधा बाग में – “श्रीहित चौरासी” !!-( रसात्मकता – “नागरी निकुंज ऐंन” ) : Niru Ashra

!! राधा बाग में – “श्रीहित चौरासी” !! ( रसात्मकता – “नागरी निकुंज ऐंन” ) गतांक से आगे – बड़ा प्यारा ध्यान है हम रसोपासकों का । यही ध्यान करना है । सर्वप्रथम बैठ जाना है पवित्र आसन पर । साँस को खींचना है, “रा” कहते हुए खींचना है , फिर साँस को रोकना है … Read more

!! उद्धव प्रसंग !!-{ श्रीराधा के महाभाव की कुछ झाँकियाँ }भाग-18: Niru Ashra

!! उद्धव प्रसंग !!-{ श्रीराधा के महाभाव की कुछ झाँकियाँ }भाग-18: Niru Ashra

!! उद्धव प्रसंग !! { श्रीराधा के महाभाव की कुछ झाँकियाँ }भाग-18 श्रूयतां प्रिय संदेशः…( श्रीमद्भागवत ) उद्धव के मुख से “अहो” शब्द प्रकट हुआ । “अहो” शब्द तब निकलता है… जब परमआनन्द, उल्लास, विस्मय, ये सब एक साथ हृदय में घटित हो रहे हों… तब “अहो” शब्द हृदय से स्फुटित होता है । हे … Read more

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 76 !!-आओ, प्रेम की सृष्टि में प्रवेश करें भाग 2 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 76 !!-आओ, प्रेम की सृष्टि में प्रवेश करें भाग 2 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 76 !! आओ, प्रेम की सृष्टि में प्रवेश करेंभाग 2 प्रेम में हृदय कोमल हो जाता है……..क्यों की प्रेम अपनें आपमें ही कोमल है ……..और फिर उस कोमलता में प्रियतम की आकृति छपनें लग जाती है……..फिर प्रेम प्रगाढ़ होता चला जाता है । वज्रनाभ ! हृदय का पिघलना आवश्यक है…….पाप के कारण ही … Read more