महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (004) : Niru Ashra
महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (004) (स्वामी अखंडानंद सरस्वती ) यह जो रास पञ्चाध्यायी है, इसका मुख्य काम क्या है? इसका मुख्य काम है हमारे जीवन में श्रद्धा का रस, भाव का रस, भक्ति का रस, प्रेम का रस, भगवद् रस, हमारे हृदय में पैदा कर देना। भगवान का रस हमारे हृदय में आवे, तब … Read more