Explore

Search

July 5, 2025 5:09 pm

महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (053) & (054) : Niru Ashra

महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (053) & (054) : Niru Ashra

महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (053) (स्वामी अखंडानंद सरस्वती ) जो जैसिह तैसिह उठ धायीं-1 किसी ने कहा कि जब तक धर्म-अर्थ-कामरूप, त्रिवर्ग की प्राप्ति न हो तब तक कर्म करो, माने फल-पर्यन्त कर्म करते रहो। अब फल मिलना तो अपने हाथ में नहीं है- ‘फलमतः उपत्तेः’- फल देने वाला ईश्वर है; पता नहीं किस … Read more

वलसाड जिल्ला के उमरगाम तालुका मे भारतीय मानव अधिकार जन कल्याण असोशिएशन द्वारा विश्व मानव अधिकार दिन मनाया गया

वलसाड जिल्ला के उमरगाम तालुका मे भारतीय मानव अधिकार जन कल्याण असोशिएशन द्वारा विश्व मानव अधिकार दिन मनाया गया

गत रोज १० दिसंबर २०२३, वलसाड जिल्ला के उमरगाम तालुका मे भारतीय मानव अधिकार जन कल्याण असोशिएशन द्वारा विश्व मानव अधिकार दिन मनाया गया, इस शुभ अवसर पर भारतीय मानव अधिकारजन कल्याण संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री वी. के. सक्सेना ने उपस्थित रहकरमानव अधिकार के बारेमे मार्गदर्शन दिया. उसने बताया की हमारे ३० सालके कार्यकालमे … Read more

उमरगांव पत्रिका देहरी: आज भारत देश में 10 दिसंबर को मानव अधिकार दिन

उमरगांव पत्रिका देहरी: आज भारत देश में 10 दिसंबर को मानव अधिकार दिन

उमरगांव पत्रिका देहरी: आज भारत देश में 10 दिसंबर को मानव अधिकार दिन मनाया जाता है! इसी के चलते आज उमरगांव तालुका के देहरी गांव भंडारवाड़ा स्थितडायाराम के निवास स्थान पर “मानव अधिकार दिवस” का कार्यक्रम आयोजित कियागया था! आयोजित इस प्रोग्राम में राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री वी.के. सक्सेना, बी. के जोशीमुख्य सचिव गुजरात राज्य, विजय … Read more

…..महाभारत के युद्ध के बाद….18 दिन के युद्ध ने, द्रोपदी की उम्र को80 वर्ष जैसा कर दिया था… : Niru Ashra

…..महाभारत के युद्ध के बाद….18 दिन के युद्ध ने, द्रोपदी की उम्र को80 वर्ष जैसा कर दिया था…  : Niru Ashra

…..महाभारत के युद्ध के बाद….18 दिन के युद्ध ने, द्रोपदी की उम्र को80 वर्ष जैसा कर दिया था… शारीरिक रूप से भी और मानसिक रूप से भी ! उसकी आंखे मानो किसी खड्डे में धंस गई थी, उनके नीचे के काले घेरों ने उसके रक्ताभ कपोलों को भी अपनी सीमा में ले लिया था ! … Read more

!! दोउ लालन ब्याह लड़ावौ री !!-( श्रीमहावाणी में ब्याहुला उत्सव )-( श्रीमहावाणी में ब्याहुला उत्सव ): Niru Ashra

!! दोउ लालन ब्याह लड़ावौ री !!-( श्रीमहावाणी में ब्याहुला उत्सव )-( श्रीमहावाणी में ब्याहुला उत्सव ): Niru Ashra

!! दोउ लालन ब्याह लड़ावौ री !! ( श्रीमहावाणी में ब्याहुला उत्सव ) !! “यह सुख श्रीहरिप्रिया सहेलियों का है” !! गतांक से आगे – “जी , यह सुख तो हितूहरिप्रिया सहेलियों का ही है …ये सहेलियाँ इन सुख को अपने नयनों से निहार निहार कर जीती हैं ….ना , ये सुख ब्रह्मा आदि को … Read more

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 117 !!-या में दो न समाहीं – अद्भुत सखीभाव भाग 2 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 117 !!-या में दो न समाहीं – अद्भुत सखीभाव भाग 2 : Niru Ashra

🍃🌺🍃🌺🍃🌺🍃 !! “श्रीराधाचरितामृतम्” 117 !! या में दो न समाहीं – अद्भुत सखीभावभाग 2 यहाँ ग्वालों का प्रवेश है….गोपियों का भी प्रवेश है…..देखो ! अर्जुन ! सखी नें अर्जुन को दिखाया…….अर्जुन आनन्दित हो उठे थे ……..वो कुञ्ज बड़ा ही दिव्य था……नाना जाति के वृक्ष, लता, पुष्प अनगिनत खिले हुए थे……..उनकी सुगन्ध से पूरा कुञ्ज महक … Read more

श्रीमद्भगवद्गीता-अध्याय 4 : दिव्य ज्ञान🌹🌹🌹🌹🌹🌹श्लोक 4 . 20🌹🌹🌹🌹 : Niru Ashra

श्रीमद्भगवद्गीता-अध्याय 4 : दिव्य ज्ञान🌹🌹🌹🌹🌹🌹श्लोक 4 . 20🌹🌹🌹🌹 : Niru Ashra

श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 4 : दिव्य ज्ञान🌹🌹🌹🌹🌹🌹श्लोक 4 . 20🌹🌹🌹🌹 त्यक्त्वा कर्मफलासङ्गं नित्य तृप्तो निराश्रयः |कर्मण्यभिप्रवृत्तोSपि नैव किञ्चित्करोति सः || २० || त्यक्त्वा – त्याग कर; कर्म-फल-आसङ्गम् – कर्मफल की आसक्ति; नित्य – सदा; तृप्तः – तृप्त; निराश्रयः – आश्रयरहित; कर्मणि – कर्म में; अभिप्रवृत्तः – पूर्ण तत्पर रह कर; अपि – भी; न – नहीं; … Read more

!! दोउ लालन ब्याह लड़ावौ री !!-( श्रीमहावाणी में ब्याहुला उत्सव )- : Niru Ashra

!! दोउ लालन ब्याह लड़ावौ री !!-( श्रीमहावाणी में ब्याहुला उत्सव )- : Niru Ashra

!! दोउ लालन ब्याह लड़ावौ री !! ( श्रीमहावाणी में ब्याहुला उत्सव ) !!”छयौ कोलाहल विपिन में”!! गतांक से आगे – !! दोहा !! चित चोभा गोभा भयौ , नख सिख रूप निहार ।चंदमुखी चहुँ ओर ते , गावत मंगलचार ।।मंगल गावहिं विविध विधि , विधुवदनी चहुँ कोद ।छयौ कुलाहल विपिन में , भयो सबन … Read more

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 117 !!-त्रिपुरासुन्दरी द्वारा अर्जुन को “राधाभाव” का उपदेश भाग 1 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 117 !!-त्रिपुरासुन्दरी द्वारा अर्जुन को “राधाभाव” का उपदेश भाग 1 : Niru Ashra

🍃🌺🍃🌺🍃🌺🍃 !! “श्रीराधाचरितामृतम्” 117 !! या में दो न समाहीं – अद्भुत सखीभावभाग 1 बहुत संकरी है गली प्रेम की ……….दो कैसे जायेंगें ? जी ! या तो तुम्हारा अहंकार यानि “मैं” जाएगा, या तुम्हारे “प्रियतम” जायेंगें………दो साथ कैसे ? हे वज्रनाभ ! ये प्रेमसाधना अद्भुत है ………..इसमें “पुरुष भाव” को त्यागकर “सखी भाव” से … Read more

श्रीमद्भगवद्गीता-अध्याय 4 : दिव्य ज्ञान🌹🌹श्लोक 4 . 18 : Niru Ashra

श्रीमद्भगवद्गीता-अध्याय 4 : दिव्य ज्ञान🌹🌹श्लोक 4 . 18 : Niru Ashra

श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 4 : दिव्य ज्ञान🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹श्लोक 4 . 18🌹🌹🌹🌹🌹 कर्मण्यकर्म यः पश्येदकर्मणि च कर्म यः |स बुद्धिमान्मनुष्येषु स युक्तः कृत्स्नकर्मकृत् || १८ || कर्मणि – कर्म में; अकर्म – अकर्म; यः – जो; पश्येत् – देखता है; अकर्मणि – अकर्म में; च – भी; कर्म – सकाम कर्म; यः – जो; सः – वह; बुद्धिमान् … Read more