श्रीसीतारामशरणम्मम(31- 2),उद्धव गीता – “सांख्य योग”,भक्त नरसी मेहता चरित (63) & श्रीमद्भगवद्गीता : नीरु आशरा
🙏🥰 #श्रीसीतारामशरणम्मम 🥰🙏 #मैंजनकनंदिनी…. 3️⃣1️⃣भाग 2 ( #मातासीताकेव्यथाकीआत्मकथा)_🌱🌻🌺🌹🌱🌻🌺🌹🥀💐 #कौशल्यादिराममहतारी , #प्रेमबिबसतनदसाबिसारी ।….. 📙( #रामचरितमानस )📙🙏🙏👇🏼🙏🙏 #मैवैदेही ! ……………._ इतना कहते हुए मेरे पिता जी फिर भावुक हो उठे थे …..पर इस बार जानें का इशारा स्वयं मैनें किया ……..वो समझ गए …….इस पुत्री के वियोग को तो सहना ही पड़ेगा ……………ये रीत है …………पता नही … Read more