🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏(83-2), मिथिला के भक्त – 4,श्रीमद्भगवद्गीता तथा श्री भक्तमाल (043) : नीरु आशरा
🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏 मैंजनकनंदिनी..8️⃣3️⃣भाग 2 ( माता सीता के व्यथा की आत्मकथा)🌱🌻🌺🌹🌱🌻🌺🌹🥀💐 मुनि अगस्ति कर शिष्य सुजाना…📙( रामचरितमानस )📙🙏🙏👇🏼🙏🙏 मैं वैदेही ! धन्य हो तुम ! सुतीछन ! धन्य हो तुम ……………………. आनन्द से भर गए थे …………..कहाँ हैं ? बताओ सुतीछन ! कहाँ हैं श्रीराम ! बाहर की ओर दौड़े थे महामुनि … Read more