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November 21, 2024 4:34 pm

उद्धव गोपी संवाद(भ्रमर गीत)११ एवं १२ : Niru Ashra

उद्धव गोपी संवाद(भ्रमर गीत)११ एवं १२ : Niru Ashra

उद्धव गोपी संवाद(भ्रमर गीत)११ एवं १२ जाहि कहौ तुम कान्ह!ताहि कोऊ पिता न माता।अखिल -अंड-ब्रम्हंड सकल, उन्हीं सो जाता।।लीला कौ अवतार लै,धरि आए तन स्याम।जोग जुगति ही पाइऐ, परब्रह्म पुर धाम।।सुनों ब्रजनागरी।।भावार्थ:-उद्धव जी गोपियों को समझाते हुए कह रहे हैं कि जिनें तुम कान्ह कहते हो न,उनके कोई माता पिता नहीं हैं,वे तो अखिल ब्रह्माण्ड … Read more

!! परम वियोगिनी – श्रीविष्णुप्रिया !!-पंचदशोध्याय :

!! परम वियोगिनी – श्रीविष्णुप्रिया !!-पंचदशोध्याय :

!! परम वियोगिनी – श्रीविष्णुप्रिया !! ( पंचदशोध्याय: ) गतांक से आगे – दूसरे दिन प्रातः निमाई और विष्णुप्रिया उठे ….स्नान आदि किया ….सुन्दर वस्त्र धारण किये ….फिर कुछ देर अग्निहोत्रादि का शेष कार्य पूर्ण किया …फिर भोजन का समय हुआ तो निमाई और विष्णुप्रिया को बैठाकर माता महामाया देवि ने स्वयं भोजन बना, खिलाने … Read more

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 34 !! -: अथः रास पंचाध्यायी प्रारंभ्यतेभाग 1 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 34 !! -: अथः रास पंचाध्यायी प्रारंभ्यतेभाग 1 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 34 !! अथः रास पंचाध्यायी प्रारंभ्यतेभाग 1 मुझे कोई नही जीत सकता…..मेरे समान शक्तिशाली कोई नही है ! ब्रह्मा को मैने नचाया …..शंकर……हाँ …….शंकर नें मुझे जला दिया भस्म कर दिया ……पर उससे क्या ? मैं तो बिना देह के और शक्ति सम्पन्न हो – प्रकट हुआ हूँ ……………. “पर भगवान श्रीराम के … Read more

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 33 !!- “विपरीत रति” – प्रेम साधना की एक विधाभाग 3 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 33 !!- “विपरीत रति” – प्रेम साधना की एक विधाभाग 3 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 33 !! “विपरीत रति” – प्रेम साधना की एक विधाभाग 3 पर तनिक ध्यान उन श्यामसुन्दर के गले में पड़े मणियों की माला पर गया ……उन मणियों में श्रीराधा रानी को अपना रूप दिखाई दिया ….! ओह ! मेरे प्यारे के वक्ष में ये सौत कौन हैं ? बस रूठ गयीं श्रीराधा रानी … Read more

उद्धव गोपी संवाद(भ्रमर गीत)९ एवं १० : Niru Ashra

उद्धव गोपी संवाद(भ्रमर गीत)९ एवं १० : Niru Ashra

उद्धव गोपी संवाद(भ्रमर गीत)९ एवं १० ये सब सगुन उपाधि, रूप निर्गुण है उनको।निर्विकार,निरलेप,लगत नहीं तीनों गुन को।।हाथ-पांइ नहिं नासिका,नेंन बेंन नहिं कान।अच्युत जोति प्रकाश ही,सकल बिस्व के प्रान।।भावार्थ:-उद्धव जी गोपियों से कह रहे हैं कि ये सब सगुण उपाधि जो आप बता रहीं हैं,वह उनका निर्गुण रूप ही है। निर्विकार,निरलेप हैं।न उनके हाथ हैं,न … Read more

!! परम वियोगिनी – श्रीविष्णुप्रिया !!-चतुर्दशोध्याय : Niru Ashra

!! परम वियोगिनी – श्रीविष्णुप्रिया !!-चतुर्दशोध्याय : Niru Ashra

!! परम वियोगिनी – श्रीविष्णुप्रिया !! ( चतुर्दशोध्याय:) गतांक से आगे – दूसरे दिन अपराह्न में निमाई को वर रूप में बरात में जाना था ….सब मित्र जन प्रातः ही निमाई के घर में आगये थे …स्नान आदि से निवृत्त निमाई को सब लोगों ने सजाना शुरू कर दिया …शचि देवि बारम्बार अपने पुत्र को … Read more

उद्धव गोपी संवाद(भ्रमर गीत)७ एवं ८ : Niru Ashra

उद्धव गोपी संवाद(भ्रमर गीत)७ एवं ८ : Niru Ashra

उद्धव गोपी संवाद(भ्रमर गीत)७ एवं ८ वे तुम तें नहिं दूरि,ज्ञान की आंखिन देखौ।अखिल विश्व भरपूर,रूप सब उनहि विसेखौ।।लौह,दारू,पाषाण में,जल थल मही आकाश।सचर अचर बरतत सबैं,जोति -बृह्म-परकास।।भावार्थ:-अब उद्धव जी गोपियों को ज्ञान की शिक्षा देते हुए कह रहे हैं कि गोपियों वे अर्थात भगवान तुमसे दूर नहीं हैं, उन्हें ज्ञान की आंखों से देखो, उनका … Read more

!! परम वियोगिनी – श्रीविष्णुप्रिया !!-त्रयोदशोध्याय : Niru Ashra

!! परम वियोगिनी – श्रीविष्णुप्रिया !!-त्रयोदशोध्याय : Niru Ashra

!! परम वियोगिनी – श्रीविष्णुप्रिया !! ( त्रयोदशोध्याय: ) गतांक से आगे – प्रातः शचि माता उठीं …आज कुछ विलम्ब हो गया इन्हें …स्वाभाविक था घर में उत्सव हो तो रात्रि शयन में विलम्ब हो ही जाता है ….सब कुछ समेटते समेटते इन्हें अर्धरात्रि हो गयी थी ..पर नींद भी तो जल्दी नही आती ऐसे … Read more

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 33 !!-“विपरीत रति” – प्रेम साधना की एक विधाभाग 2 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 33 !!-“विपरीत रति” – प्रेम साधना की एक विधाभाग 2 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 33 !! “विपरीत रति” – प्रेम साधना की एक विधाभाग 2 भगवान शिव के हृदय में विराजती हैं……..समस्त कामनाओं की पूर्ति करनें वाली …….और समस्त तन्त्र मन्त्र की अधिष्ठात्री हैं …….देवों की भी पूज्या …..देवों की भी इष्ट ……..और समस्त साधनाओं की देवी हैं ये त्रिपुर सुन्दरी ………..महर्षि शाण्डिल्य नें समझाया । हे … Read more

હિતેષભાઇ રામજીભાઇ કાચરોલાનાં નવનિર્મિત નિવાસસ્થાને ગાયત્રી યજ્ઞનું આયોજન : Manoj Acharya

હિતેષભાઇ રામજીભાઇ કાચરોલાનાં નવનિર્મિત નિવાસસ્થાને ગાયત્રી યજ્ઞનું આયોજન : Manoj Acharya

રામનવમીના પવિત્ર દિવસે તા. 30 માર્ચ, 2023 ગુરૂવારે સવારે 9.15 થી 12.15 દરમિયાન મોરબી ખાતે પુ. ગુરુદેવ શ્રી સ્વરૂપાનંદજી – “માડી” નાં શિષ્ય એડવોકેટશ્રી તથા મોરબી શહેર કોંગ્રેસના મહામંત્રી શ્રી હિતેષભાઇ રામજીભાઇ કાચરોલાનાં નવનિર્મિત નિવાસસ્થાને ગાયત્રી યજ્ઞનું આયોજન કરવામાં આવ્યું હતું ત્યારે તેમનાં ધર્મપત્ની શ્રીમતી આરતીબેન, માતુશ્રી મંજુલાબેન, ભાઇ હિરેન, સાળા હર્ષ કાનાણી, મિત્ર હરજીવન … Read more