उद्धव गोपी संवाद – भ्रमर गीत ४१ एवं ४२
उद्धव गोपी संवाद( भ्रमर गीत)४१ एवं ४२ कोहू कहै अहौ,कहा दोष सिसुपाल नरेसै।ब्याह करन को गयौ,नृपति भीष्म के देसैं।।दल बल जोरि बरात कों,ठाड़ौ हो छवि बाढ़ि।इन्ह छल करि दुलही हरी,छुधित ग्रास मुख काढ़ि।।आपने स्वारथी।।भावार्थ:-कोई कहे कि अरे राजा शिशुपाल का क्या दोष था,वह तो राजा भीष्मक के यहां ब्याह करने को गये थे । उनकी … Read more