विरही- गोपी- उध्धव छे- संवाद-१३🦚🌹 भ्रमर -गीत🌹👉 गोपियां की व्यथा भाव-२ : Niru Ashra
🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚विरही- गोपी- उध्धव छे- संवाद-१३🦚🌹 भ्रमर -गीत🌹👉 गोपियां की व्यथा भाव-२ 🪷 यमुनाजी के किनारे सब गोपियाँ ब्रजजन जब मिलते हैं तो सभी अपनी अपनी विरह व्यथा का एक-दूसरे से बातें करते हैं। प्रभु विरह, दुःखसागर में डूबे हैं कौन, किसको सांत्वना देवे समझ नहीं आता है? कौन, कैसे धीरज संतोष करावें। सभी श्याम के … Read more