!! राधा बाग में – “श्रीहित चौरासी” !!-( दोनों मिल एक भये – “बल्लवी सु कनक” ) – : Niru Ashra
!! राधा बाग में – “श्रीहित चौरासी” !! (दोनों मिल एक भये – “बल्लवी सु कनक” ) गतांक से आगे – जिस रस की चर्चा हम “श्रीहित चौरासी” के माध्यम से कई दिनों से कर रहे हैं …उस रस की अधिष्ठात्री देवि श्रीराधा रानी हैं । वे अनन्त की ओर छोर रहित एक विशाल धारा … Read more