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November 21, 2024 1:05 pm

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 113 !!-“श्रीराधाभाव” की चर्चा – बलराम जी द्वारा भाग 1 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 113 !!-“श्रीराधाभाव” की चर्चा – बलराम जी द्वारा भाग 1 : Niru Ashra

🍃🍁🍃🍁🍃 !! “श्रीराधाचरितामृतम्” 113 !! “श्रीराधाभाव” की चर्चा – बलराम जी द्वाराभाग 1 हे वज्रनाभ ! बलराम द्वारिका जानें से पूर्व हस्तिनापुर आये थे ……वैसे वृन्दावन के निकट ही है हस्तिनापुर …..वृन्दावन से हस्तिनापुर बलराम इसलिये आये, क्यों की इन दिनों श्रीकृष्ण यहीं पाण्डवों के साथ रह रहे थे……महर्षि शाण्डिल्य नें ये बात कही । … Read more

!! दोउ लालन ब्याह लड़ावौ री !!-( श्रीमहावाणी में ब्याहुला उत्सव ) -।। भूमिका ।। : Niru Ashra

!! दोउ लालन ब्याह लड़ावौ री !!-( श्रीमहावाणी में ब्याहुला उत्सव ) -।। भूमिका ।। : Niru Ashra

!! दोउ लालन ब्याह लड़ावौ री !! ( श्रीमहावाणी में ब्याहुला उत्सव ) ।। भूमिका ।। साधकों ! मार्गशीर्ष का महीना कल से आरम्भ हो जाएगा । बड़ी सजी धजी श्रीराधाबल्लभ मन्दिर में गौरांगी जा रही है …वहाँ उत्सव है ….मैं भी श्रीबाँके बिहारी मन्दिर दर्शन करके लौट रहा था …कि … हरि जी ! … Read more

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 112 !!- द्वारिका लौटे बलराम भाग 3 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 112 !!-  द्वारिका लौटे बलराम भाग 3 : Niru Ashra

🌸🙏🌸🙏🌸 !! “श्रीराधाचरितामृतम्” 112 ! द्वारिका लौटे बलरामभाग 3 💕💕💕💕💕💕 कौन श्रीकृष्ण चन्द्र जू ? “श्यामसुन्दर” का नाम ले रहे हैं ये ऋषि मुनि ……ललिता सखी नें श्रीराधिका जू के कान में कहा था । आप लोग नन्दगाँव से आरहे हैं ? श्रीजी को फिर विस्मरण हो गया । नही हम द्वारिका से आरहे हैं … Read more

ધાર્મિક કથા : 262પ્રબોધિની એકાદશી મહાત્મ્ય : મનોજ આચાર્ય

ધાર્મિક કથા : 262પ્રબોધિની એકાદશી મહાત્મ્ય : મનોજ આચાર્ય

ધાર્મિક કથા : 262પ્રબોધિની એકાદશી મહાત્મ્ય🕉️ 🛕 🚩 🪔 🙏🏻કારતક સુદ દેવ ઉઠી એકાદશી 23 નવેમ્બર 2023ના રોજ ભગવાન શ્રીહરિ યોગનિદ્રાથી જાગવા જઈ રહ્યા છે. દેવનું ઉત્થાન થવાનું છે, દેવનું પ્રબોધન થવાનું છે, ભગવાન ઉઠવાના છે, ભગવાન જાગવાના છે. સાત લોકમાં ઘંટ, ઘડિયાળ, શંખનો શુભ નાદ ગુંજી ઉઠશે. ચારેબાજુ ભગવાન શ્રી હરિનો જયજયકાર થશે. શાસ્ત્રો … Read more

श्रीमद्भगवद्गीताअध्याय 4 : दिव्य ज्ञान-श्लोक 4 . 5 : Niru Ashra

श्रीमद्भगवद्गीताअध्याय 4 : दिव्य ज्ञान-श्लोक 4 . 5 : Niru Ashra

श्रीमद्भगवद्गीताअध्याय 4 : दिव्य ज्ञान🌹🌹🌹🌹🌹श्लोक 4 . 5🌹🌹🌹🌹 श्रीभगवानुवाचबहूनि मे व्यतीतानि जन्मानि तव चार्जुन |तान्यहं वेद सर्वाणि न त्वं वेत्थ परन्तप || ५ || श्री-भगवान् उवाच – श्रीभगवान् ने कहा; बहूनि – अनेक; मे – मेरे; व्यतीतानि – बीत चुके; जन्मानि – जन्म; तव – तुम्हारे; च – भी; अर्जुन – हे अर्जुन; तानि – … Read more

!! एक अनूठा प्रेमी – “वो कल्लू बृजवासी”!!-भाग – 5 : Niru Ashra

!! एक अनूठा प्रेमी – “वो कल्लू बृजवासी”!!-भाग – 5 : Niru Ashra

!! एक अनूठा प्रेमी – “वो कल्लू बृजवासी”!! भाग – 5 गतांक से आगे – सबई भगवान के स्वरूपन हैं …किन्तु सबरै स्वरूप में दास्यभाव या दास्यप्रेम तौ बन सकै है …पर सबमैं सख्य भाव , वात्सल्यभाव और माधुर्यभाव सम्भव नही है …अब कछुआ कुँ तुम माधुर्य भाव ते देख सकौ हो का ? नरसिंह … Read more

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 112 !!-द्वारिका लौटे बलराम भाग 2 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 112 !!-द्वारिका लौटे बलराम भाग 2 : Niru Ashra

🌸🙏🌸🙏🌸 !! “श्रीराधाचरितामृतम्” 112 ! द्वारिका लौटे बलरामभाग 2 💕💕💕💕💕💕 जी ! धन्य हो गए हम लोग ……..तपस्या पूरी हो गयी ………. पर हम तो कुछ मास यही बितानें का विचार कर रहे हैं……..ऋषि मुनि कहते ………तब उद्धव जी बड़ी विनम्रता से कहते – हे पूज्य ऋषियों ! यहाँ क्या है ? इस द्वारिका में … Read more

अध्याय 4 : दिव्य ज्ञान-श्लोक 4 . 4 : Niru Ashra

अध्याय 4 : दिव्य ज्ञान-श्लोक 4 . 4 : Niru Ashra

अध्याय 4 : दिव्य ज्ञान💐💐💐💐💐💐श्लोक 4 . 4💐💐💐अर्जुन उवाचअपरं भवतो जन्म परं विवस्वतः |कथमेतद्विजानीयां त्वमादौ प्रोक्तवानिति || ४ || अर्जुनः उवाच – अर्जुन ने कहा; अपरम् – अर्वाचीन, कनिष्ठ; भवतः – आपका; जन्म – जन्म; परम् – श्रेष्ठ (ज्येष्ठ); जन्म – जन्म; विवस्वतः – सूर्यदेव का; कथम् – कैसे; एतत् – यः; विजानीयाम् – मैं … Read more

महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (048) : Niru Ashra

महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (048) : Niru Ashra

महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (048) (स्वामी अखंडानंद सरस्वती ) गोपियों ने वंशी-ध्वनि सुनी शुकी गोपी इनका नाम है। फिर ये व्रज में किस-किस नाम से प्रकट हुए। यह सब पद्मपुराण में है। गीताप्रेम से हिंदी में जो पद्मपुराण छपा है, उसके पाताल-खण्ड का अधिकांश छोड़ दिया है, भला! उसमें वे कथाएँ नहीं छापीं। वैसे … Read more

!! एक अनूठा प्रेमी – “वो कल्लू बृजवासी” !!-भाग – 4 : Niru Ashra

!! एक अनूठा प्रेमी – “वो कल्लू बृजवासी” !!-भाग – 4 : Niru Ashra

!! एक अनूठा प्रेमी – “वो कल्लू बृजवासी” !! भाग – 4 गतांक से आगे – ( यमुना किनारे एक अघोरी, जो हड्डियों की माला पहने काँटों पर लेटा था उसे देखकर वो बृजवासी अल्हड़ कल्लू हंसा …तो कल्लू से हमने सिद्धि पर बातचीत की, साधकों ! बड़ी गम्भीरता के साथ सिद्धियों पर उसने अपनी … Read more