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July 5, 2025 2:06 pm

महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (052): Niru Ashra

महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (052): Niru Ashra

महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (052) (स्वामी अखंडानंद सरस्वती ) श्रीकृष्ण के प्रति गोपियों का अभिसार भाई! थियोसोफिकल सोसाइटी ने कहा कि हम हिन्दू धर्म, मुसलमान धर्म, ईसाई धर्म सबका समन्वय करेंगे, सबको एक बतायेंगे, तो एक धर्म और अलग बन गया। अगर सौ धर्म पहले से थे तो एक सौ एक धर्म बन गये। … Read more

!! दोउ लालन ब्याह लड़ावौ री !!-( श्रीमहावाणी में ब्याहुला उत्सव )-!! “दूलह दुलहिन नख सिख सोभा” !! : Niru Ashra

!! दोउ लालन ब्याह लड़ावौ री !!-( श्रीमहावाणी में ब्याहुला उत्सव )-!! “दूलह दुलहिन नख सिख सोभा” !! : Niru Ashra

!! दोउ लालन ब्याह लड़ावौ री !! ( श्रीमहावाणी में ब्याहुला उत्सव ) !! “दूलह दुलहिन नख सिख सोभा” !! गतांक से आगे – “महावाणी की उपासना में श्रीराधा और श्रीकृष्ण को अलग अलग नही देखा गया है….”युगल” को एक ही माना गया । इसलिए यहाँ निकुँज की सखियाँ अकेली श्रीराधा की ही उपासिका नही … Read more

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 116 !!-त्रिपुरासुन्दरी द्वारा अर्जुन को “राधाभाव” का उपदेश भाग 3 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 116 !!-त्रिपुरासुन्दरी द्वारा अर्जुन को “राधाभाव” का उपदेश भाग 3 : Niru Ashra

🌲🍁🌲🍁🌲🍁🌲 !! “श्रीराधाचरितामृतम्” 116 !! त्रिपुरासुन्दरी द्वारा अर्जुन को “राधाभाव” का उपदेशभाग 3 🦚🦚🦚🦚 6 ) भाव । हे पार्थ ! तमोगुण का नाश रजोगुण से करे साधक ……….फिर रजोगुण का नाश सत्वगुण से करे …………अब सत्वगुण ही है हमारे अन्तःकरण में ………जब विशुद्ध सत्व होगा ……..तब ईश्वर के प्रति अटल विश्वास होगा ……….तब लगनें … Read more

|| उर्वशी का अर्जुन को श्राप || :Niru Ashra

|| उर्वशी का अर्जुन को श्राप || :Niru Ashra

|| उर्वशी का अर्जुन को श्राप ||*जाने कथा वैदिक पथिक से-✍महाभारत में एक जगह उल्लेख मिलता है कि इंद्रलोक की अप्सरा उर्वशी ने अपने श्राप से अर्जुन को नपुंसक बना दिया। लेकिन ऐसा हुआ क्यों और अर्जुन नपुंसक बनने के बाद कहाँ रहे यहां पढ़ें महाभारत की यह घटना। वेदव्यास जी कहने पर अपना राज … Read more

|| सनातन शब्द ही पवित्र जीवनशैली का प्रतीक है ||:Niru Ashra

|| सनातन शब्द ही पवित्र जीवनशैली का प्रतीक है ||:Niru Ashra

वैदिक पथिक-✍ || सनातन शब्द ही पवित्र जीवनशैली का प्रतीक है ||****वैदिक पथिक-✍भारत में जो कुछ भी किया जाए,उससे भारतीयता विलग नहीं होनी चाहिए। भारतीयता का एक बड़ा आधार है- सनातन धर्म। सनातनी होने का अर्थ है, मनुष्य जीवन में जो कुछ भी श्रेष्ठ है, उसको पहचानना, उजागर करना और समस्त प्राणियों के लिए उसका … Read more

श्रीमद्भगवद्गीता-अध्याय 4 : दिव्य ज्ञान🌹🌹श्लोक 4 . 17 : Niru Ashra

श्रीमद्भगवद्गीता-अध्याय 4 : दिव्य ज्ञान🌹🌹श्लोक 4 . 17 : Niru Ashra

श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 4 : दिव्य ज्ञान🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹श्लोक 4 . 17🌹🌹🌹🌹🌹कर्मणो ह्यपि बोद्धव्यं बोद्धव्यं च विकर्मणः |अकर्मणश्र्च बोद्धव्यं गहना कर्मणो गतिः || १७ || कर्मणः – कर्म का; हि – निश्चय ही; अपि – भी; बोद्धव्यम् – समझना चाहिए; बोद्धव्यम् – समझना चाहिए; च – भी; विकार्मणः – अकर्म का; बोद्धव्यम् – समझना चाहिए; गहना – अत्यन्त … Read more

महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (051) Niru Ashra

महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (051) Niru Ashra

महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य) (051) (स्वामी अखंडानंद सरस्वती ) श्रीकृष्ण के प्रति गोपियों का अभिसार एक बार कलकत्ता में एक संकीर्त्तन का जुलूस निकलने वाला था। बिलकुल सत्य कथा है- कोई ऐसी परिस्थिति थी कि सरकार ने धारा एक सौ चौवालीस लगा दिया, बस यह जुलूस नहीं निकल सकता था। संकीर्त्तन वालों ने कहा- … Read more

!! दोउ लालन ब्याह लड़ावौ री !!-( श्रीमहावाणी में ब्याहुला उत्सव )-!! “सब रंगी युगल के रंग” !! : Niru Ashra

!! दोउ लालन ब्याह लड़ावौ री !!-( श्रीमहावाणी में ब्याहुला उत्सव )-!! “सब रंगी युगल के रंग” !! : Niru Ashra

!! दोउ लालन ब्याह लड़ावौ री !! ( श्रीमहावाणी में ब्याहुला उत्सव ) !! “सब रंगी युगल के रंग” !! गतांक से आगे – फिर क्या करें ? “पूर्ण आत्मसमर्पण”…..मैंने कहा …..प्रेम का मार्ग है बच नही सकते …ये मार्ग तुम्हारा पूर्ण आत्मसमर्पण तो चाहेगा ही । तो कैसे करें आत्मसमर्पण ? उन साधक ने … Read more

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 116 !!-त्रिपुरासुन्दरी द्वारा अर्जुन को “राधाभाव” का उपदेश भाग 2 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 116 !!-त्रिपुरासुन्दरी द्वारा अर्जुन को “राधाभाव” का उपदेश भाग 2 : Niru Ashra

🌲🍁🌲🍁🌲🍁🌲 !! “श्रीराधाचरितामृतम्” 116 !! त्रिपुरासुन्दरी द्वारा अर्जुन को “राधाभाव” का उपदेशभाग 2 हे अर्जुन ! तुम कृष्ण सखा है……..नारायण के अनादि सखा हो ……श्रेष्ठतम “नर” हो तुम……..इसलिये सुनो …….ये अत्यन्त रहस्यमय और गोप्य चर्चा हैं………अनधिकारी के सामनें इस महाभाव की चर्चा न करना ही श्रेष्ठ है ……….अर्जुन ! इस “महाभाव” का अनुभव तो बड़े … Read more

Before around the partition. Sam Manekshaw was posted along with Yahya Khan in Delhi : By Mejor Alok Mishra (Retd)

Before around the partition. Sam Manekshaw was posted along with Yahya Khan in Delhi : By  Mejor Alok Mishra (Retd)

Before around the partition. Sam Manekshaw was posted along with Yahya Khan in Delhi. An incident which changed future of India In 1910s, two Parsis, Hormizd and his wife Hilla were traveling in train from Valsad to Lahore. Lahore was where Hormizd’s parents had settled after moving away from Mumbai. Hormizd was practicing medicine and … Read more