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July 5, 2025 5:09 am

श्रीमद्भगवद्गीता-अध्याय 4 : दिव्य ज्ञान🌹श्लोक 4 . 13🌹: Niru Ashra

श्रीमद्भगवद्गीता-अध्याय 4 : दिव्य ज्ञान🌹श्लोक 4 . 13🌹: Niru Ashra

श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 4 : दिव्य ज्ञान🌹🌹🌹🌹🌹🌹श्लोक 4 . 13🌹🌹🌹🌹चातुवर्ण्यं मया सृष्टं गुण कर्मविभागशः |तस्य कर्तारमपि मां विद्ध्यकर्तारमव्ययम् || १३ || चातुः-वर्ण्यम् – मानव समाज के चार विभाग; मया – मेरे द्वारा; सृष्टम् – उत्पन्न किये हुए; गुण – गुण; कर्म – तथा कर्म का; विभागशः – विभाजन के अनुसार; तस्य – उसका; कर्तारम् – जनक; … Read more

!! दोउ लालन ब्याह लड़ावौ री !!-( श्रीमहावाणी में ब्याहुला उत्सव )-!! रस साम्राज्य !!: Niru Ashra

!! दोउ लालन ब्याह लड़ावौ री !!-( श्रीमहावाणी में ब्याहुला उत्सव )-!! रस साम्राज्य !!: Niru Ashra

!! दोउ लालन ब्याह लड़ावौ री !! ( श्रीमहावाणी में ब्याहुला उत्सव ) !! रस साम्राज्य !! गतांक से आगे – प्रेम पगे निरखें दोऊ , देखें सब मिल हेलि ।आवो री अलबेलि बलि, बाढ़े रस रंग रेलि ।।रँगरेली हेली लियें, करन लगीं गुन गान ।बना बनी जु बनाय कें , बाने दोऊ बान ।। … Read more

!!”श्रीराधाचरितामृतम्” 115 !!-आल्हादिनी शक्ति का रहस्य भाग 1 : Niru Ashra

!!”श्रीराधाचरितामृतम्” 115 !!-आल्हादिनी शक्ति का रहस्य भाग 1 : Niru Ashra

🍃🍁🍃🍁🍃🍁🍃 !! “श्रीराधाचरितामृतम्” 115 !! आल्हादिनी शक्ति का रहस्यभाग 1 साधकों ! ये “राधाभाव” की साधना अत्यन्त प्राचीन है…..और गोप्य भी……कुछ हद्द तक कह सकते हैं कि ये “तन्त्र” के अंतर्गत आता है । पर सावधान ! तन्त्र कहते ही साधक डर जाते हैं ……नही ….बल्कि आप देखेंगें तो पायेंगें की “गोपालसहस्त्र नाम” जो कृष्ण … Read more

श्रीमद्भगवद्गीता-अध्याय 4 : दिव्य ज्ञान🌹🌹श्लोक 4 . 12 : Niru Ashra

श्रीमद्भगवद्गीता-अध्याय 4 : दिव्य ज्ञान🌹🌹श्लोक 4 . 12 : Niru Ashra

श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 4 : दिव्य ज्ञान🌹🌹🌹🌹🌹🌹श्लोक 4 . 12 काङ्न्तः कर्मणां सिद्धिं यजन्त इह देवताः |क्षिप्रं हि मानुषे लोके सिद्धिर्भवति कर्मजा || १२ || काङ्क्षन्तः – चाहते हुए; कर्मणाम् – सकाम कर्मों की; सिद्धिम् – सिद्धि; यजन्ते – यज्ञों द्वारा पूजा करते हैं; इह – इस भौतिक जगत् में; देवताः – देवतागण; क्षिप्रम् – तुरन्त … Read more

!! दोउ लालन ब्याह लड़ावौ री !!-( श्रीमहावाणी में ब्याहुला उत्सव )-!! मंगल मोद !! : Niru Ashra

!! दोउ लालन ब्याह लड़ावौ री !!-( श्रीमहावाणी में ब्याहुला उत्सव )-!! मंगल मोद !! : Niru Ashra

!! दोउ लालन ब्याह लड़ावौ री !! ( श्रीमहावाणी में ब्याहुला उत्सव ) !! मंगल मोद !! गतांक से आगे – हे रसिकों ! ध्यान करो ….हम निकुँज में हैं ….और श्रीहरिप्रिया जू के यूथ में हैं ….सखीभावापन्न हम सब मंगल मोद मना रही हैं …..क्यों न मनायें ….हमारे सर्वस लाडिली लाल जू का ब्याहुला … Read more

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 114 !!-जब निकुञ्ज दर्शन के लिये तड़फ़ उठे थे अर्जुन भाग 3 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 114 !!-जब निकुञ्ज दर्शन के लिये तड़फ़ उठे थे अर्जुन भाग 3 : Niru Ashra

🙏🌸🙏🌸🙏 !! “श्रीराधाचरितामृतम्” 114 !! जब निकुञ्ज दर्शन के लिये तड़फ़ उठे थे अर्जुनभाग 3 फिर ? मैं क्या करूँ ? क्या मुझे दर्शन नही होंगें उस दिव्य निकुञ्ज के ? फिर चरणों में गिर गए अर्जुन ……..आप चाहें तो कुछ भी कर सकते हैं ………..कीजिये ना ? पर कुछ नही बोले श्रीकृष्ण………….अर्जुन प्रार्थना करते … Read more

પૂર્ણતાને પંથે – સંકેતપ્રકરણ-૧૬પૂર્ણતા-૩ : RGM – હિરણ વૈષ્ણવ

પૂર્ણતાને પંથે – સંકેતપ્રકરણ-૧૬પૂર્ણતા-૩ : RGM – હિરણ વૈષ્ણવ

Ahmedabad પૂર્ણતાને પંથે – સંકેતપ્રકરણ-૧૬પૂર્ણતા-૩ આકાશ શૂન્ય છે, અર્થાત કંઈ નથી. બસ એ જ પ્રકારે પૂર્ણતા છે કે જે સ્વયં કંઈ જ નથી, તો પણ સર્વને ધારણ કરે છે. પ્રારંભમાં સાધનાની અંદર થોડા ઘણા સાધકો અંતરનિહિત પ્રસ્થાન બિંદુ ભ્રુકુટીની મધ્યમાં થનારી એ ઘટનાને સર્વ કંઈ માનીને રોકાઈ જાય છે, અગર તો ત્યાં જ ગૂંચવાઈ જાય … Read more

श्रीमद्भगवद्गीता-अध्याय 4 : दिव्य ज्ञान🌹🌹🌹🌹🌹श्लोक 4 . 11🌹🌹🌹🌹 : Niru Ashra

श्रीमद्भगवद्गीता-अध्याय 4 : दिव्य ज्ञान🌹🌹🌹🌹🌹श्लोक 4 . 11🌹🌹🌹🌹 : Niru Ashra

श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 4 : दिव्य ज्ञान🌹🌹🌹🌹🌹श्लोक 4 . 11🌹🌹🌹🌹 ये यथा मां प्रपद्यन्ते तांस्तथैव भजाम्यहम् |मम वर्त्मानुवर्तन्ते मनुष्याः पार्थ सर्वशः || ११ || ये – जो; यथा – जिस तरह; माम् – मेरी; प्रपद्यन्ते – शरण में जाते हैं; तान् – उनको; तथा – उसी तरह; एव – निश्चय ही; भजामि – फल देता हूँ; … Read more

!! दोउ लालन ब्याह लड़ावौ री !!-( श्रीमहावाणी में ब्याहुला उत्सव )-! “अद्भुत ब्याह विनोद में” !! – Niru Ashra

!! दोउ लालन ब्याह लड़ावौ री !!-( श्रीमहावाणी में ब्याहुला उत्सव )-! “अद्भुत ब्याह विनोद में” !! – Niru Ashra

!! दोउ लालन ब्याह लड़ावौ री !! ( श्रीमहावाणी में ब्याहुला उत्सव ) !! “अद्भुत ब्याह विनोद में” !! गतांक से आगे – सबै सहेलि महेलियाँ , राचि रंग रसाल ।सर्वस जिनके सम्पत्ति , दम्पति पति प्रतिपाल ।। दम्पति सम्पति सहज सुख , दुलहिन दूलह लाल ।तदपि ब्याह विधि बिरचहीं , बिबिध बिनोदनि बाल ।। … Read more

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 114 !!-जब निकुञ्ज दर्शन के लिये तड़फ़ उठे थे अर्जुन भाग 2 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 114 !!-जब निकुञ्ज दर्शन के लिये तड़फ़ उठे थे अर्जुन भाग 2 : Niru Ashra

🙏🌸🙏🌸🙏 !! “श्रीराधाचरितामृतम्” 114 !! जब निकुञ्ज दर्शन के लिये तड़फ़ उठे थे अर्जुनभाग 2 ये तो अवतारकाल की लीला है ………जिसमें संयोग वियोग की लीला चलती ही रहती है ……..पर हे अर्जुन ! एक लीला है, निकुञ्ज की लीला …….जो अनादि है अखण्ड है ………… सूर्य मिट जाएँ, चन्द्र मिट जाए ………प्रलय हो जाए … Read more