श्रीसीतारामशरणम्मम(18-2),भक्त नरसी मेहता चरित (24),“भवाटवी – संसार का जंगल” & श्रीमद्भगवद्गीता : नीरु आशरा
Niru Ashra: भक्त नरसी मेहता चरित (24) तुम बिन हमरी कौन ख़बर लेगोवर्धन गिरधारी ,गोवर्धन गिरधारी भक्त मीरा की विपदा में , बस काम तुम्हीं तो आये थे ,शंकर जी की मुश्किल में , तुम दल बादल सज धाये थे ,मेरी भी तो आकर सुन लो , ओ जग के रखवारेगोवर्धन गिरधारी , गोवर्धन गिरधारी … Read more