दूसरों के लिए जीना प्रकृति का नियम है। और इसी में है जीने का राज़ : Kaushik Vaghela
1892 में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में एक 18 वर्षीय छात्र अपनी फीस भरने के लिए संघर्ष कर रहा था। वह एक अनाथ था, और यह नहीं जानता था कि पैसे के लिए कहां जाए, वह एक उज्ज्वल विचार लेकर आया। उन्होंने और उनके एक मित्र ने अपनी शिक्षा के लिए धन जुटाने के लिए परिसर में … Read more