! परम वियोगिनी – श्रीविष्णुप्रिया !!-एकपन्चाशत् अध्याय : Niru Ashra
!! परम वियोगिनी – श्रीविष्णुप्रिया !!( एकपन्चाशत् अध्याय ) गतांक से आगे – एक माह में ही नीलान्चल धाम से लौट आई कान्चना । अकेली ही लौटी है …साथ के लोग रथयात्रा के बाद लौटेंगे ….पर कान्चना को कोई मतलब नही था रथयात्रा से न उसे मतलब था भगवान जगन्नाथ से उसे तो सिर्फ अपनी … Read more