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August 5, 2025 9:05 am

!! राधा बाग में – “श्रीहित चौरासी” !! -( नाचती किशोरी – “सुधंग नाचत नवल किशोरी” ) :Niru Ashra

!! राधा बाग में – “श्रीहित चौरासी” !! -( नाचती किशोरी – “सुधंग नाचत नवल किशोरी” ) :Niru Ashra

!! राधा बाग में – “श्रीहित चौरासी” !! ( नाचती किशोरी – “सुधंग नाचत नवल किशोरी” ) गतांक से आगे – इस प्रेम मार्ग में विधि निषेध क्या है ? प्रेम मार्ग में विधि निषेध होगा तो वो प्रेम मार्ग ही कहाँ हुआ ? बाबा प्रतिप्रश्न करते हैं । क्या मतलब ? वो भी पण्डित … Read more

!! उद्धव प्रसंग !!-{ श्रीराधा कृष्ण का विवाह – जो उद्धव ने देखा }भाग-20 : Niru Ashra

!! उद्धव प्रसंग !!-{ श्रीराधा कृष्ण का विवाह – जो उद्धव ने देखा }भाग-20 : Niru Ashra

!! उद्धव प्रसंग !! { श्रीराधा कृष्ण का विवाह – जो उद्धव ने देखा }भाग-20 तत्संदेशागत स्मृतिः…( श्रीमद्भागवत ) उद्धव का ज्ञानोपदेश सुनकर श्रीराधारानी हँसीं… ऐसा लग रहा था उद्धव को उस समय मानो फूल झर रहे हों । उद्धव ! अपने लिए श्रीराधा के मुखारविन्द से सम्बोधन सुनकर उद्धव को रोमांच हो गया था … Read more

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” – 77 !!-श्रीराधारानी का गाया गीत -“भ्रमर गीत”भाग 1 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” – 77 !!-श्रीराधारानी का गाया गीत -“भ्रमर गीत”भाग 1 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” – 77 !! श्रीराधारानी का गाया गीत -“भ्रमर गीत”भाग 1 जा रे भँवर ! जा ……ना ! मेरे पाँव को मत छू । ओह ! उसी नें भेजा है तुझे…..हाँ मैं सब जानती हूँ …… श्रीराधा रानी उस भँवरे को देखकर बोल उठी थीं । क्या कहाँ तूनें ! मान जाऊँ मैं ? … Read more

!! राधा बाग में – “श्रीहित चौरासी” !!-( सुरत रंग – “लटकत फिरत जुवति रस फूली” ) : Niru Ashra

!! राधा बाग में – “श्रीहित चौरासी” !!-( सुरत रंग – “लटकत फिरत जुवति रस फूली” ) : Niru Ashra

!! राधा बाग में – “श्रीहित चौरासी” !! ( सुरत रंग – “लटकत फिरत जुवति रस फूली” ) गतांक से आगे – उपनिषद कहती है – “वह रस है” – रसो वै सः । फिर आगे कहती है ….उसी “रस”को पाकर वह “रस” आनन्द प्राप्त करता है । रस , रस को पाकर ? जी … Read more

!! उद्धव प्रसंग !!-{ उद्धव का गोपियों को ज्ञानोपदेश }भाग-19 : Niru Ashra

!! उद्धव प्रसंग !!-{ उद्धव का गोपियों को ज्ञानोपदेश }भाग-19 : Niru Ashra

!! उद्धव प्रसंग !! { उद्धव का गोपियों को ज्ञानोपदेश }भाग-19 भवतीनां वियोगो मे न हि सर्वात्मना क्वचित् ।( श्रीमद्भागवत ) उद्धव श्रीराधा और समस्त गोपियों की यह प्रेमदशा देखकर घबड़ा गए । अरे ! उद्धव ! तू भी तो कुछ बोल । केवल इन्हीं को देखे जा रहा है… इन्हीं नारियों के विलाप को … Read more

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 76 !!-आओ, प्रेम की सृष्टि में प्रवेश करें..भाग 3 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 76 !!-आओ, प्रेम की सृष्टि में प्रवेश करें..भाग 3 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 76 !! आओ, प्रेम की सृष्टि में प्रवेश करें..भाग 3 इस स्थिति में प्रेमी को ऐसा लगनें लगता है कि ……मेरे प्रियतम ही सर्वत्र हैं …… आकाश में मेरा प्यारा है ……चन्द्रमा में मेरा प्रिय है …..इन फूलों में वही मुस्कुरा रहा है……फूलों में भँवरे के रूप में मेरा प्रिय ही है…….जल , … Read more