🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏(79-1), “प्रार्थना ऊँची चीज़ है”,: श्री भक्तमाल (033) तथा श्रीमद्भगवद्गीता : नीरु
🙏🥰 श्रीसीताराम शरणम् मम 🥰🙏 मैंजनकनंदिनी..7️⃣9️⃣भाग 1 ( माता सीता के व्यथा की आत्मकथा)🌱🌻🌺🌹🌱🌻🌺🌹🥀💐 धन्य धन्य शरभंग ……📙( रामचरितमानस )📙🙏🙏👇🏼🙏🙏 मैं वैदेही ! धन्य धन्य ऋषि शरभंग………..मैं तो यही कहूँगी । आहा ! क्या मृत्यु है……….सच मृत्यु भी धन्य होगयी …….पर मृत्यु कहाँ ……..यह तो अमृत पा लिया था ऋषि शरभंग नें । हम तीनों … Read more