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September 14, 2025 10:35 pm

“રૂક્ષ્મણી વિવાહ નો પ્રસંગ જીવન ને માંગલ્ય કરે છે” :- પ્રફુલભાઇ શુક્લ

” રૂક્ષ્મણી વિવાહ નો પ્રસંગ જીવન ને માંગલ્ય કરે છે” :- પ્રફુલભાઇ શુક્લ દમણ જિલ્લા કલેક્ટર સૌરભ મિશ્રા એ હાજરી આપી સોમનાથ ભવન ભેંસરોડ સમસ્ત કોળી પટેલ સમાજ તેમજ ચંચળબેન ડાહ્યાભાઈ પટેલ દ્વારા આયોજિત સ્વ. ડાહ્યાભાઈ પટેલ ના સ્મારણાર્થે ચાલી રહેલી કથાકાર પ્રફુલભાઇ શુક્લ ની 859 મી ભાગવત કથા મા આજે રૂક્ષ્મણી વિવાહ ઉત્સવ ની … Read more

!!”श्रीराधाचरितामृतम्”!! : Niru Ashra

!!”श्रीराधाचरितामृतम्”!! : Niru Ashra

Niru Ashra: 🌷🌷🙏🌷🌷 !! “श्रीराधाचरितामृतम्” 126 !! लीला रहस्य और सखीवृन्दभाग 3 🙇‍♂️🙇‍♂️🙇‍♂️🙇‍♂️ अर्जुन ! हम सखियों के बिना लीला का विस्तार होता ही नही है । तो हे ललिता देवी ! हमें ये भी बता दीजिये कि…….सखियों का प्रकार कितना है ? आप तो यूथेश्वरी ललिता हैं…….प्रमुख हैं सखियों में । पर इनके अलावा … Read more

!! श्रीराधाचरितामृतम्” 125 !! महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य)

!! श्रीराधाचरितामृतम्” 125 !!  महारास (दिव्य प्रेम का नृत्य)

(स्वामी अखंडानंद सरस्वती ) विकारयुक्त प्रेम से भी भगवत्प्राप्ति सम्भव है ये देखेंगे कि उसने आँख में अंजन लगाया है कि नहीं? इतनी छोटी चीज देखकर छोड़ देंगे उसको। नहीं, इस पर उनकी नजर नहीं जाती। वे तो उसका दिल देखते हैं। मिलने के लिए आयी- बस यही देखते हैं। भगवान अज हैं। संस्कृत में … Read more

केशव बटाक ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिख २२ जनवरी २०२४ को राष्ट्रीय अवकाश (छुट्टी) घोषित करने की माँग की

केशव बटाक ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिख २२ जनवरी २०२४ को राष्ट्रीय अवकाश (छुट्टी) घोषित करने की माँग की

London : ०६/०१/२०२४केशव बटाक ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिख २२ जनवरी २०२४ को राष्ट्रीय अवकाश (छुट्टी) घोषित करने की माँग की

” પ્રેમ થી પ્રગટે એજ પરમાત્મા ” :- પ્રફુલભાઇ શુક્લ

” પ્રેમ થી પ્રગટે એજ પરમાત્મા ” :- પ્રફુલભાઇ શુક્લ દમણ ભાગવત કથા મા ભવ્ય કૃષ્ણ જન્મઉત્સવ ઉજવાયો દમણ સોમનાથ ભવન ભેંસરોડ શ્રી કોળી પટેલ સમાજ ભવન ખાતે પૂર્વ સાંસદ સ્વ. ડાહ્યાભાઈ પટેલ ના સ્મરણાર્થે ચાલી રહેલી કથાકાર પ્રફુલભાઇ શુક્લ ની 859 મી ભાગવત કથા મા આજે ભાગવતજી ના પ્રધાન ઉત્સવ “કૃષ્ણ જન્મઉત્સવ” ની ઉજવણી … Read more

अर्पित,तर्पित,और समर्पण यह तीन भाव भारतीय यज्ञ संस्कृति है : Praful Shukla

अर्पित,तर्पित,और समर्पण यह   तीन भाव भारतीय यज्ञ संस्कृति है : Praful Shukla

“अर्पित,तर्पित,और समर्पण यह तीन भाव भारतीय यज्ञ संस्कृति है : यज्ञ जीवन में प्रकाश लाता है” उपरोक्त शब्द आज कथावाचक प्रफुल्ल भाई शुक्ला ने “पूर्व सांसद दहयाभाई पटेल की स्मृति मेंदमण में चल रही भागवत कथा के बाद मुख्य यजमानजिग्नेशभाई दहयाभाई पटेल के आवास पर चल रही भागवतयज्ञ में दशमांश एकत्रित किया गया।भारी संख्या में … Read more

!! दोउ लालन लाड़ लड़ावौ री !!-( श्रीमहावाणी में ब्याहुला उत्सव )- !! नित नूतन रस !! : Niru Ashra

!! दोउ लालन लाड़ लड़ावौ री !!-( श्रीमहावाणी में ब्याहुला उत्सव )- !! नित नूतन रस !! : Niru Ashra

Niru Ashra: !! दोउ लालन लाड़ लड़ावौ री !! ( श्रीमहावाणी में ब्याहुला उत्सव ) !! नित नूतन रस !! गतांक से आगे – अद्भुत बात है ये तो ….या तो नूतन होगा या नित्य होगा …अब नित्य भी हो और नूतन भी हो …ये सम्भव नही है । किन्तु प्रेम एक ऐसा तत्व है … Read more

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 125 !!-अर्जुन नें दर्शन किये “निभृत निकुञ्ज” के भाग 2 & 3 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 125 !!-अर्जुन नें दर्शन किये “निभृत निकुञ्ज” के भाग 2 & 3 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 125 !! अर्जुन नें दर्शन किये “निभृत निकुञ्ज” केभाग 2 🌲🍁🌲🍁🌲 श्याम सुन्दर के मस्तक में मात्र मोर का पंख है …….और श्रीजी के मस्तक में चन्द्रीका लगा दी है सखियों नें । रोली श्याम सुन्दर के माथे में ……और श्याम बिन्दु श्रीजी के भाल में । पीताम्बरी श्याम सुन्दर को ……..और नीलांबरी … Read more

श्रीमद्भगवद्गीता-अध्याय 5 : कर्मयोग – कृष्ण भावना भावित कर्म: Niru Ashra

श्रीमद्भगवद्गीता-अध्याय 5 : कर्मयोग – कृष्ण भावना भावित कर्म: Niru Ashra

श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 5 : कर्मयोग – कृष्णभावनाभावित कर्म श्लोक 5 . 3 ज्ञेयः स नित्यसन्न्यासी यो न द्वेष्टि न काङ्क्षति |निर्द्वन्द्वो हि महाबाहो सुखं बन्धात्प्रमुच्यते || ३ || ज्ञेयः – जानना चाहिए; सः – वह; नित्य – सदैव; संन्यासी – संन्यासी; यः – जो; न – कभी नहीं; द्वेष्टि – घृणा करता है; न – … Read more

!! दोउ लालन लाड़ लड़ावौ री !!-( श्रीमहावाणी में ब्याहुला उत्सव )-!! जीवन जोरी सखिन की !! : Niru Ashra

!! दोउ लालन लाड़ लड़ावौ री !!-( श्रीमहावाणी में ब्याहुला उत्सव )-!! जीवन जोरी सखिन की !! : Niru Ashra

!! दोउ लालन लाड़ लड़ावौ री !! ( श्रीमहावाणी में ब्याहुला उत्सव ) !! जीवन जोरी सखिन की !! गतांक से आगे – मैं फिर आपको स्मरण कराऊँ कि ….सखियाँ तत्सुख अभिलाषा से पूर्ण हैं …यानि प्रिय को सुख मिले …बस यही कामना है इनके मन में । स्वसुख वांछा शून्य हैं …..”अपना सुख” इनका … Read more