सखियों के श्याम (भाग 14)-(नातो नेह को मानियत)-‘चल उजरी, अब खेलें।’ : Niru Ashra
सखियों के श्याम (भाग 14) (नातो नेह को मानियत) ‘चल उजरी, अब खेलें।’ “कैसे ?” ‘तू छिप जा, मैं तुझे ढूँढू और मेरे छिपने पर तू मुझे ढूँढ़ना !’ ‘अच्छा! किंतु तू ही मुझे ढूँढ़ना। मुझसे यह न होगा, तू कहीं खो जाय तो!’– उजरीने व्याकुल स्वरमें कहा। ‘अच्छा आ तू ही छिप जा! मैं … Read more