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November 21, 2024 9:55 pm

उद्धव गोपी संवाद :-भ्रमर गीत : १७ एवं १८ : Niru Ashra

उद्धव गोपी संवाद :-भ्रमर गीत : १७ एवं १८ : Niru Ashra

उद्धव गोपी संवाद:- ( भ्रमर गीत)१७ एवं १८ करम बुरे जो होईं,जोग क्यौं फिरि कोउ धारैं।पदमांसन सों द्वारि रोकि,इंद्रिन्ह को मारैं।।ब्रह्म अगिन सों सुद्ध ह्वै,सिद्धि समाधि लगाइ।लीन होइ सायुज्य में,जोति ही जोति समाइ।।भावार्थ:-उद्धव जी गोपियों से कह रहे हैं कि करम बुरे हों तो जोग कोई क्यौं धारे। पद्मासन सब द्वार मूंद के इन्द्रियों को … Read more

!! परम वियोगिनी – श्रीविष्णुप्रिया !!-अष्टदशोध्याय : Niru Ashra

!! परम वियोगिनी – श्रीविष्णुप्रिया !!-अष्टदशोध्याय : Niru Ashra

!! परम वियोगिनी – श्रीविष्णुप्रिया !! ( अष्टदशोध्याय:) गतांक से आगे – किन माता पिताओं की इच्छा होगी वो अपने कलेजे के टुकड़े को अपने से दूर करें पर जगत की रीत बड़ी निर्दय है । जिसे नयनों का तारा बनाकर रखा था उसी को विदा करना ….ये कितना कष्टप्रद होता है …पर नारी के … Read more

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 35 !!-शरद की वह प्रथम पूर्णिमा भाग 1 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 35 !!-शरद की वह प्रथम पूर्णिमा भाग 1 : Niru Ashra

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 35 !! शरद की वह प्रथम पूर्णिमाभाग 1 शरद ऋतु था उस समय जब कामदेव गोलोक से वृन्दावन आया …. वह प्रसन्न हुआ ….. ……..चलो ! मेरे युद्ध के लिये “शरद” मेरा सहायक ही होगा । नाना जाति के फूलों से वृन्दावन महक रहा था ……कामदेव नें चारों ओर दृष्टि घुमाकर देखी …..मल्लिका … Read more

उद्धव गोपी संवाद:-( भ्रमर गीत)१५ एवं १६: Niru Ashra

उद्धव गोपी संवाद:-( भ्रमर गीत)१५ एवं १६: Niru Ashra

उद्धव गोपी संवाद:-( भ्रमर गीत)१५ एवं १६ करम हिं निंदौ कहा?करम सों सदगति होई।करम रूप ते बली नाहिं, त्रिभुवन में कोई।।करम ही ते उत्पत्ति है,करम हि तें सब नास।करम करें तें मुक्ति होई, परब्रह्म पुर वास।।उद्धव जी गोपियों से कह रहे हैं कि करम की क्यों निंदा करते हो,करम से सद्गति होती है। पूरे त्रिभुवन … Read more

परम वियोगिनी – श्रीविष्णुप्रिया !!-सप्तदशोध्याय: Niru Ashra

परम वियोगिनी – श्रीविष्णुप्रिया !!-सप्तदशोध्याय: Niru Ashra

!! परम वियोगिनी – श्रीविष्णुप्रिया !! ( सप्तदशोध्याय:) गतांक से आगे – पिता जी ! ये है मेरी प्यारी सखी कान्चना । आज अपनी पुत्री और जामाता को लेने सनातन मिश्र जी आये हैं । अपने पिता को देखते ही दौड़ पड़ी थी विष्णुप्रिया । दोनों पिता पुत्री का हृदय भर आया था । तभी … Read more

Hiश्री चरितामृतराधाHiश्री चरितामृत

Hiश्री चरितामृतराधाHiश्री चरितामृत

!! “श्रीराधाचरितामृतम्” 34 !! अथः रास पंचाध्यायी प्रारंभ्यतेभाग 3 मैं ठीक हूँ प्रभु ! हाँ …..आनें का कारण …….तो ये हैं मेरे साथ ……..इन्हें तो आप जानते ही हैं …….कामदेव को दिखाते हुये नारद जी नें मुरली मनोहर श्याम सुन्दर से पूछा । ओह ! इनको कौन नही जानता ! अहंकारी के अहंकार को और … Read more

श्री गौरीदासी Part 7 : Niru Ashra

श्री गौरीदासी Part 7 : Niru Ashra

📖✨ श्री गौरदासी ✨📖भाग – 7 गतांक से आगे – गौर दासी के पास एक कड़ा था ….सोने का कड़ा ….उसे बेचना पड़ा ….वैसे भी इसे रखकर वो करती क्या ? मकान मालिक बृजवासी को सोने का कड़ा देते हुए उसने कहा था ….मीत कह रहा है दिवाली आरही है यहाँ सब नये नये कपड़े … Read more

कृष्ण का मंत्र भाग 2 से 6[4/5, 10:41 PM] Niru Ashra: कृष्ण की मंथरा( भाग २ )कृष्ण का मंत्र भाग 2 से 6

कृष्ण का मंत्र भाग 2 से 6[4/5, 10:41 PM] Niru Ashra: कृष्ण की मंथरा( भाग २ )कृष्ण का मंत्र भाग 2 से 6

[4/5, 10:41 PM] Niru Ashra: कृष्ण की मंथरा( भाग २ ) सोने की नगरी द्वारिका …. गोमती का तट है…. हर तरफ हरियाली है .. सुंदर सुंदर वृक्ष लता पता से भरा हुआ है गोमती का तट .. द्वारकाधीश अपनी चार पटरानियो के साथ टहलते हुए आए है…. मंद मंद पवन बह रही है… कमल … Read more

गौरदासी भाग 5 और 6: नीरू आसरा

गौरदासी भाग 5 और 6: नीरू आसरा

[4/5, 10:41 PM] Niru Ashra: 📖✨ श्रीगौरदासी ✨📖 भाग – 5 गतांक से आगे – कलकत्ता रेल मार्ग से मथुरा पहुँचीं थीं गौरा ….कलकत्ता और नवद्वीप के शताधिक भक्त थे …उनके साथ ही गौरा थीं ….उन दिनों भारत को आज़ादी क्या मिली हिन्दू मुसलमान का गृहयुद्ध और छिड़ गया था ….अब माँग उठाने लगे थे … Read more

श्री गौरदासी : Niru Ashraभाग – 1श्री गौरदासी : Niru Ashra

श्री गौरदासी : Niru Ashraभाग – 1श्री गौरदासी : Niru Ashra

[4/5, 10:41 PM] Niru Ashra: 📖✨ श्री गौरदासी ✨📖 भाग – 1 गोपेश्वर महादेव के निकट ही ये बाई रहती थी…बंगाली शरीर …”भजनाश्रम” में कीर्तन करके अपना जीवन यापन किया …आज सुबह ही इनका देह शान्त हो गया ….क्या नाम है इसका ?“गौर दासी”….मकान मालिक ने बताया । इसका मीत कृष्णा है ….और ये गौर … Read more