श्रीकृष्णचरितामृतम्-!! आत्मरति का यह उत्सव – “रासपञ्चाध्यायी” !!-भाग 1 : Niru Ashra
श्रीकृष्णचरितामृतम् !! आत्मरति का यह उत्सव – “रासपञ्चाध्यायी” !! भाग 1 सायंकाल का समय – सूर्यास्त हो चुका था । समस्त दिशाएं अरुण हो रही थीं, मानों अनुराग अम्बर में उमड़ पड़ा था । शरद ऋतु ……..वायु सुरभित बह रही थी ………चारों और मल्लिका आदि पुष्प खिल रहे थे …….वृन्दावन आज पूरा सज धज गया … Read more